श्रीगंगानगर। राजस्थान के श्रीगंगानगर में लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम (पोक्सो) एक्ट मामलों की विशेष अदालत के न्यायाधीश ने एक नाबालिग स्कूली छात्रा का अपहरण कर दुष्कर्म करने के आरोप में युवक को 10 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई।
विशिष्ट लोक अभियोजक नवप्रीतकौर संधू ने बताया कि जिले के सूरतगढ़ सदर थाना में अपहृत किशोरी के पिता द्वारा दी गई रिपोर्ट के आधार पर 6 अक्टूबर 2018 को अपहरण का मामला दर्ज किया गया था। इस शख्स ने बताया कि उसकी 16 वर्षीय पुत्री कक्षा 11 में पढ़ती थी। वह 3 अक्टूबर 2018 को किसी काम से श्रीगंगानगर गई थी। श्रीगंगानगर (Sriganganagar) में वह लापता हो गई। तलाश करने पर पता चला कि उस दिन श्रीगंगानगर के शिव चौक से निशानसिंह मजहबी सिख निवासी चक 13-एफ गुरु की ढाणी उसे बहला-फुसलाकर ले गया था।
पुलिस ने मामला दर्ज होने पर जांच पड़ताल करते हुए किशोरी को दस्तयाब किया। उसका मेडिकल परीक्षण करवाए जाने पर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए जाने की पुष्टि हुई। इस पर पुलिस ने मुकदमे में दुष्कर्म (rape) की धारा 376 तथा पोक्सो एक्ट की धारा जोड़ते हुए आरोपी राजप्रीतसिंह उर्फ निशानसिंह उर्फ शाना (24) को गिरफ्तार कर लिया। उसके खिलाफ अदालत में चालान प्रस्तुत किया गया। अदालत में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से 15 गवाह और 16 दस्तावेज साक्ष्य प्रस्तुत किए गए।
विशिष्ट लोक अभियोजक नवप्रीतकौर संधू ने बताया कि न्यायाधीश ने निर्णय देते हुए निशानसिंह को अपहरण और दुष्कर्म का दोषी करार दिया। उसे पोक्सो एक्ट की धारा 5-एल/6 के तहत 10 वर्ष कठोर कारावास और 50 हजार रुपए का अर्थदंड, भारतीय दंड संहिता की धारा 363 और 366 में पांच-पांच वर्ष कठोर कारावास और पांच-पांच हजार का अर्थदंड, धारा 344 के तहत एक वर्ष कठोर कारावास और एक हजार रुपए का अर्थदंड लगाया।