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जेल में जमीन पर सोए थप्पड़बाज नरेश मीणा की पहली तस्वीर, जेल में कैसे गुजरी रात?

naresh meenaImage Source: amar ujala , tv9

naresh meena: राजस्थान के टोंक जिले के समरावता गांव में बुधवार को थप्पड़कांड के बाद हिंसा भड़क गई। इस घटना के मुख्य आरोपी नरेश मीणा को पुलिस ने गुरुवार को ही गिरफ्तार कर लिया था, और इसके बाद भी कई गिरफ्तारियां हुईं।

टोंक पुलिस की 28 टीमें अब तक 60 नामजद आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी हैं, जबकि अन्य की तलाश जारी है। इसी दौरान पुलिस हवालात से नरेश मीणा की एक तस्वीर भी सामने आई है, जिसमें वह जमीन पर सोया हुआ दिखाई दे रहा है।

इस तस्वीर में नरेश मीणा बिना कंबल और चारपाई के जमीन पर सोता हुआ दिखाई दे रहा है।

देवली-उनियारा सीट पर चुनाव अधिकारी को थप्पड़ मारने और टोंक में हिंसा के मामले में आरोपी नरेश मीणा पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) 2023 की धारा 189(2), 190, 115(2), 121(2), 132, 223(a), 351(2), 109(1) और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 132, 131 के तहत केस दर्ज किया गया है।

SDM अमित चौधरी को मारा थप्पड़

नरेश मीणा एक आजाद प्रत्याशी हैं और देवली-उनियारा सीट से चुनाव लड़ रहे थे। मतदान के दौरान, उन्होंने समरावता गांव में एक पोलिंग बूथ के अंदर घुसने की कोशिश की, और जब उन्हें रोका गया तो उन्होंने SDM अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया।

इसके बाद गांव में तनाव का माहौल बन गया। रात 9 बजे जब पुलिस नरेश को गिरफ्तार करने पहुंची, तो गांव में भारी हंगामा हो गया। पुलिस ने जैसे ही नरेश को हिरासत में लिया, उसके समर्थक पुलिस से भिड़ गए और उसे पुलिस हिरासत से छुड़ा लिया।

स्थिति इतनी बिगड़ गई कि पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले और मिर्ची बम का इस्तेमाल करना पड़ा। गांव वालों ने पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी, और कई घरों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया।

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नरेश के बयान ने बढ़ाया विवाद

इसके अगले दिन नरेश खुद ही सामने आया और उसने SDM और कलेक्टर पर गंभीर आरोप लगाए। नरेश ने कहा, SDM फर्जी तरीके से वोटिंग करवा रहे थे। (naresh meena)

कलेक्टर 45 किलोमीटर दूर बैठी थीं। मैं उनसे मिलना चाह रहा था। अगर वो आ जातीं तो मैं SDM को थप्पड़ न मारता।

पुलिस पर भी लगाए आरोप

नरेश ने दावा किया कि पुलिस ने न केवल उसका साथ नहीं दिया, बल्कि उसे धमकाया भी। उसने कहा फर्जी वोटिंग और पुलिस की कार्रवाई, दोनों की जांच होनी चाहिए।

SP के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए। इसके अलावा, उन पुलिसकर्मियों पर भी एक्शन होना चाहिए जिन्होंने गांव में आगजनी, तोड़फोड़ और मारपीट की। नरेश के इन आरोपों ने मामले को और भी गंभीर बना दिया है।

इलाके में अभी भी पुलिस तैनात

पुलिस ने फिर दोपहर बाद नरेश मीणा को गिरफ्तार कर लिया. इस सम्बन्ध में थाना नगरफोर्ट पर 4 प्रकरण पंजीबद्ध किये गए.

नरेश मीणा के समर्थकों द्वारा की गई तोड़-फोड़ एवं आगजनी के सभी घटनास्थल का अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस-कानून एवं व्यवस्था जयपुर, सम्भागीय आयुक्त एवं महानिरीक्षक पुलिस अजमेर रेंज द्वारा निरीक्षण किया गया. (naresh meena)

पुलिस ने बताया- आरोपी के विरुद्ध पहले भीअलग-अलग जिलों में 25 FIR दर्ज हैं. उधर, आरोपी नरेश मीणा की गिरफ्तारी के पश्चात् उसके समर्थकों द्वारा 1-2 स्थानों पर जाम लगाया गया था, जिनको खुलवा दिया गया है.

जिला पुलिस की 28 टीमें गठित की गई हैं. अब तक 60 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. एवं अन्य नामजद आरोपियों की तलाश जारी है.

हिंसा के बाद गुरुवार शाम को ही समरावता गांव में दुकानें खुलीं. लेकिन अभी भी वहां पुलिस तैनात है.

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By NI Desk

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