fagotsav in govind devji : फाल्गुन माह की शुरूआत हो चुकी है और इसे राजस्थान वासियों का सबसे पसंदीदा महीना बताया जाता है। इस माह में हिंदु धर्म के 2 बड़े त्योंहार आते है। भगवान भोलेनाथ का महाशिवरात्रि और होली का त्योंहार आता है।
होली के अवसर पर बाबा श्याम का लक्खी मेला और जयपुर में गोविंद देवजी में फागोत्सव का आयोजन होता है। इसी कारण होली के अवसर पर राजस्थान में अलग ही उत्साह और धूम देखने को मिलती है।
जयपुर के आराध्य श्री गोविंद देवजी मंदिर में फागोत्सव की शुरुआत हो चुकी है। जयपुर के आराध्य श्री गोविंद देवजी मंदिर में फागोत्सव का उल्लास अब पूरे शहर में फैल चुका है। (fagotsav in govind devji)
डांडा पूजन के साथ प्रारंभ हुए इस उत्सव में भक्तों की भागीदारी बढ़ रही है। इस बार फागोत्सव की शुरुआत विशेष रूप से डांडा पूजन के साथ हुई, जो भक्तों के लिए एक अत्यंत शुभ अवसर बन गया।
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फूलों और गुलाल की होली
इस धार्मिक उत्सव में श्रद्धालुओं की भागीदारी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है, और मंदिर परिसर में अब हर दिन भक्ति और संस्कृति का संगम देखने को मिल रहा है।
ये कार्यक्रम होली तक निरंतर जारी रहेंगे, जिसमें भक्तों को अनेक प्रकार के धार्मिक और सांस्कृतिक अनुभव प्राप्त होंगे। (fagotsav in govind devji)
मंदिर परिसर में आयोजित हो रहे भजन-संकीर्तन के साथ-साथ फूलों और गुलाल से खेली जाने वाली होली भक्तों के मन को अलौकिक आनंद दे रही है। श्रद्धालु इस अवसर का भरपूर लाभ उठा रहे हैं और हर दिन नए उत्साह के साथ इन आयोजनों में भाग ले रहे हैं।
10 और 11 मार्च को पुष्प फागोत्सव (fagotsav in govind devji)
मंदिर के सेवाधिकारी, श्री मानस गोस्वामी ने बताया कि 7 मार्च से 9 मार्च तक विशेष रूप से होलिकोत्सव मनाया जाएगा, जो एक तीन दिवसीय सांस्कृतिक उत्सव के रूप में आयोजित होगा।
इस दौरान भक्तों को ‘रचना झांकी दर्शन’ का विशेष अवसर मिलेगा, जो दोपहर 12:30 से 12:45 बजे तक देखने को मिलेगा। (fagotsav in govind devji)
इसके अलावा शाम 3:00 से 4:30 बजे तक विशेष आरती का आयोजन किया जाएगा, जिससे भक्तों को आध्यात्मिक शांति और आनंद मिलेगा।
10 और 11 मार्च को पुष्प फागोत्सव का आयोजन होगा, जिसमें भक्त भजनानंद वर्षा अनुष्ठान में भाग लेंगे और फूलों की होली का आनंद उठाएंगे।
इस दौरान रचना झांकी दर्शन शाम 3:00 से 4:30 बजे तक भक्तों के लिए खुले रहेंगे, जिससे वे इस धार्मिक यात्रा का हिस्सा बन सकेंगे।
इस प्रकार, श्री गोविंद देवजी मंदिर में होली के उत्सव का रंग और भक्ति का संगम हर दिन भक्तों के लिए एक नया अनुभव प्रस्तुत कर रहा है। (fagotsav in govind devji)
भजन संध्या और संकीर्तन होंगे
12 मार्च को श्री गोविंद देवजी मंदिर में एक विशेष होली पद का आयोजन किया जाएगा, जिसमें भजन संध्या और संकीर्तन का आयोजन होगा।
यह दिन भक्तों के लिए अत्यधिक उल्लासपूर्ण रहेगा, क्योंकि इस दिन मंदिर परिसर में हर दिशा में भक्ति का वातावरण छाया रहेगा। (fagotsav in govind devji)
भजन संध्या में श्रद्धालु भगवान श्री गोविंद देवजी की महिमा का गान करेंगे, जबकि संकीर्तन के दौरान शरणागत भक्तों के संग भक्ति रस में सराबोर होंगे।
इस दिन भी रचना झांकी दर्शन का आयोजन किया जाएगा, जो शाम 3:00 से 4:30 बजे तक श्रद्धालुओं के लिए उपलब्ध रहेगा।
13 मार्च को गुलाल होली का आयोजन मंदिर निंज प्रांगण में किया जाएगा, जिसमें भक्त केवल गुलाल का उपयोग करेंगे। (fagotsav in govind devji)
13 मार्च को पानी रंग का प्रयोग प्रतिबंधित
इस दिन के खास नियम यह हैं कि किसी भी प्रकार का पानी या रंग का प्रयोग प्रतिबंधित रहेगा, ताकि भक्तों को शुद्ध रूप से होली का धार्मिक अनुभव हो सके।
गुलाल से खेलते हुए श्रद्धालु अपनी भक्ति भावना को और भी प्रगाढ़ करेंगे, साथ ही मंदिर में होने वाली धार्मिक क्रियाओं में भी भाग लेंगे। (fagotsav in govind devji)
14 मार्च को चैतन्य महाप्रभु की जयंती विशेष रूप से मनाई जाएगी। इस दिन संध्या झांकी का आयोजन होगा, जिसके बाद श्रद्धालु ठाकुर श्री गोविंद देवजी के अभिषेक दर्शन कर सकेंगे।
यह अवसर भक्तों के लिए अत्यंत श्रद्धा और आस्था का प्रतीक होगा, क्योंकि वे अपने आराध्य भगवान के दिव्य रूप के दर्शन कर पाएंगे।
मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं से आग्रह किया है कि वे नियमों का पालन करें और केवल गुलाल का ही उपयोग करें, ताकि आयोजन का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व अक्षुण्ण बना रहे।
इस प्रकार, श्री गोविंद देवजी मंदिर में होने वाले इन धार्मिक आयोजनों में भाग लेकर श्रद्धालु अपने जीवन को एक नई ऊर्जा और भक्ति से अभिभूत करेंगे। (fagotsav in govind devji)