जयपुर। छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के बाद अब राजस्थान की बारी है। मंगलवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री का फैसला भी हो सकता है। ध्यान रहे 15 दिसंबर से मलमास शुरू हो जाता है और हिंदू मान्यता के मुताबिक कोई भी शुभ कार्य उसके बाद नहीं होगा। इसलिए तीनों राज्यों में मुख्यमंत्रियों की शपथ भी 14 दिसंबर तक होनी है। तभी माना जा रहा है कि राजस्थान में मंगलवार को हर हाल में मुख्यमंत्री का फैसला हो जाएगा।
बताया जा रहा है कि भाजपा ने सभी विधायकों को मंगलवार को बुलाया है। मंगलवार को विधायक दल की बैठक होने की संभावना है, जिसमें शामिल होने के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह मंगलवार दोपहर 12 बजे जयपुर पहुंचेंगे। उनको शाम सात बजे दिल्ली रवाना हो जाना है। उससे पहले बाकी दो पर्यवेक्षकों, सरोज पांडे और विनोद तावड़े के सोमवार रात को जयपुर पहुंचना है।
जानकार सूत्रों के मुताबिक, भाजपा कार्यालय में शाम चार बजे विधायक दल की बैठक शुरू होगी। उससे पहले विधायकों को कार्यालय में बुलाया गया है, जहां दोपहर का भोजन भी होगा। छत्तीसगढ़ में आदिवासी और मध्य प्रदेश में पिछड़ा वर्ग का मुख्यमंत्री बनाने के बाद यह माना जा रहा है कि राजस्थान में सामान्य वर्ग या दलित समुदाय से किसी विधायक को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। दोनों ही राज्यों में मुख्यमंत्री के रूप में चौंकाने वाला नाम सामने आया है, इसलिए राजस्थान में भी यही उम्मीद की जा रही है।
इस बीच वरिष्ठ विधायक कालीचरण सराफ, प्रताप सिंह सिंघवी, बाबू सिंह राठौड़, जसवंत यादव, पूर्व विधायक अशोक परनामी, राजपाल सिंह शेखावत और प्रहलाद गुंजल पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बंगले पर सोमवार को भी पहुंचे। हालांकि इसे शिष्टाचार मुलाकात कहा जा रहा है। हालांकि वसुंधरा राजे के घर विधायकों के जुटने के सवाल पर वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा- भारतीय जनता पार्टी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर वोट मिले हैं। उनका चेहरा ही हमारी पार्टी का सबसे बड़ा चेहरा है। उसके बाद भी अगर कोई सोचता है कि मेरे चेहरे से पार्टी को वोट मिले हैं तो वह मुगालते में जरूर रह सकता है, लेकिन यह सच्चाई नहीं है। वैसे भी किसी को बुलाना और अपने समर्थन के लिए कहना भारतीय जनता पार्टी की संस्कृति नहीं है।