Rajasthan Goverment: राजस्थान में भजनलाल सरकार का गौमाता से प्रेम तो सभी ने देखा ही है. अब भजनलाल सरकार ने गायों को लेकर बड़ा फैसला लिया है. आमतौर पर हम बोलचाल की भाषा में सड़क पर घूमने वाली गायों को आवार और बेसहारा जैसे शब्दों का उपयोग करते है. अब राजस्थान में इन शब्दों का उपयोग नहीं किया जाएगा. राजस्थान की भजनलाल सरकार ने इन शब्दों पर बैन लगाने का निर्देश जारी किया है. सरकार ने गायों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले शब्दों पर रोक लगाने का फैसला लिया है. अब राजस्थान में किसी भी गाय के लिए आवारा और बेसहारा जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं कर सकते. (Rajasthan Goverment) इसकी जगह सरकार ने अब एक नए शब्द को इस्तेमाल करने की बात की है. अब बेसहारा और आवारा जैसे शब्दों की जगह गायों के लिए ‘निराश्रित’ शब्द का इस्तेमाल किया जाएगा.
पशुपालन और डेयरी मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा, “राजस्थान में अब गायों के लिए ‘आवारा’ शब्द का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. राजस्थान विधानसभा में बुधवार को पशुपालन और मत्स्य विभाग की अनुदान मांग पर बहस का जवाब देते हुए जोराराम कुमावत ने कहा कि अब से गायों के लिए आवारा और बेसहारा जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा उसकी जगह ‘निराश्रित’ शब्द का इस्तेमाल किया जाएगा.
पशुपालन विकास कोष का गठन
अपने बयान में जोराराम कुमावत ने आगे कहा कि राज्य सरकार गायों और बैलों के संरक्षण और संवर्धन के लिए भी संवेदनशीलता से काम कर रही है. जोराराम कुमावत ने कहा कि राज्य में 250 करोड़ रुपये के प्रावधान के साथ मुख्यमंत्री पशुपालन विकास कोष का गठन किया जाएगा. इसके साथ ही, दुधारू पशुओं के साथ अन्य पशुओं को भी शामिल करते हुए ‘मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना’ शुरू की जाएगी. उन्होंने विधानसभा में कहा कि पशुपालकों की सुविधा के लिए सभी जिलों में चरणबद्ध तरीके से पशु मेले आयोजित किए जाएंगे.
653.65 करोड़ रुपये के अनुदान को मंजूरी
राजस्थान सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में गौशालाओं को 653.65 करोड़ रुपये के अनुदान को मंजूरी दी है. गौपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने विधानसभा ने अपने संबोधन में बताया कि राजस्थान सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में गौशालाओं को 653.65 करोड़ रुपये के अनुदान के लिए मंजूरी दी है जिससे पशुपालन को और ज्यादा बढ़ावा दिया जा सके. कुमावत ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में 22 जुलाई तक 2,843 गौशालाओं को अनुदान के लिए 653.65 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति जारी की गई है.
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