PM Modi तीसरी बार वाराणसी से चुनाव लड़ रहे हैं। वह 2014 और 2019 में इसी सीट से चुने गए थे। और उनका मुकाबला कांग्रेस के अजय राय से हैं। जिन्होंने अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ गठबंधन किया हैं।
अजय राय कुछ समय के लिए PM Modi से आगे निकल गए थे। लेकिन अब प्रधानमंत्री मोदी वाराणसी में आगे चल रहे हैं।
2019 के लोकसभा चुनाव में PM Modi को 6.74 लाख वोट मिले थे। साथ ही समाजवादी पार्टी की शालिनी यादव 1.95 लाख वोटों के साथ दूसरे स्थान पर थी। और कांग्रेस के अजय राय 1.52 लाख वोटों के साथ तीसरे स्थान पर थे। और 2014 में मोदी ने 5.81 लाख वोट हासिल किए साथ ही AAP के अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस के अजय राय को हराया भी था।
वाराणसी भाजपा (PM Modi) का गढ़ रहा हैं। क्योंकि भाजपा ने 2004 और 2009 के बीच एक कार्यकाल को छोड़कर 1991 से इस सीट पर कब्ज़ा किया हैं। और इस लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में पाँच विधानसभा क्षेत्र हैं – रोहनिया, वाराणसी उत्तर, वाराणसी दक्षिण, वाराणसी कैंट और सेवापुरी साथ ही इनमें से 5 में से 4 भाजपा के पास हैं।
2011 की जनगणना के अनुसार अनुसूचित जाति के लगभग 10.3% मतदाता हैं। जिनकी कुल संख्या लगभग 191,018 हैं। और अनुसूचित जनजाति के मतदाता लगभग 0.5% मतदाता हैं। और जिनकी कुल संख्या लगभग 9,273 हैं।
वाराणसी, जिसे बनारस और काशी के नाम से भी जाना जाता रहा हैं। वह हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म और जैन धर्म में महान धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व का शहर रहा हैं। और यह प्राचीन शहर एक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के रूप में महत्वपूर्ण स्थान भी रखता हैं।
यहां के स्थानीय लोगो के लिए रेशमी बुनाई, कालीन बनाना, शिल्प और पर्यटन रोजगार के प्रमुख स्रोत हैं। और यह शहर कई प्रमुख भारतीय लेखकों, कवियों, दार्शनिकों और संगीतकारों का घर भी रहा हैं। साथ ही इसे संगीत के बनारस घराने के आधार के रूप में भी जाना जाता हैं। और वाराणसी में 1791 में स्थापित सबसे पुराना संस्कृत महाविद्यालय बी.एच.यू. भी स्थित हैं।
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