Jagannath Temple Treasures: ओडिशा के पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर फिलहाल काफी चर्चाओं में है. हाल ही में जगन्नाथ रथ यात्रा पूरी हुई है और अब बारी है जगन्नाथ मंदिर का खजाने के खुलने की. ओडिशा के पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार गुरुवार 18 जुलाई को एक बार फिर से खोला गया है. इस दौरान इनर रत्न भंडार में मौजूद आभषूण और कीमती सामान को अस्थायी स्ट्रांग रूम में शिफ्ट किया जाएगा. इससे पहले रविवार 14 जुलाई को 46 साल बाद रत्न भंडार को खोला गया था, जिसमें आउटर रत्न भंडार का सामान 6 बक्सों में शिफ्ट करके सील किया गया था. मंदिर प्रशासन ने सुबह 8 बजे से मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी. अधिकारियों के मुताबिक, भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहनों के समक्ष प्रार्थना करने के बाद ओडिशा सरकार की ओर से गठित पर्यवेक्षी (सुपरविजन) कमेटी के सदस्यों ने सुबह करीब 10 बजे खोला. अधिकारियों ने बताया कि यदि कीमती सामान को बाहर निकालने का काम आज भी पूरा नहीं हो पाता है तो तय मानक संचालन प्रक्रिया (SOP ) के तहत काम जारी रहेगा.
केवल चुनिंदा व्यक्तियों को ही अंदर जाने की इजाजत
पुरी कलेक्टर सिद्धार्थ शंकर स्वैन ने कहा कि केवल अधिकृत व्यक्तियों को पारंपरिक पोशाक के साथ रत्न भंडार में प्रवेश करने की अनुमति है. मंदिर में प्रवेश से पहले पर्यवेक्षी कमेटी के अध्यक्ष और उड़ीसा हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस विश्वनाथ रथ ने बताया, हमने भगवान जगन्नाथ से खजाने के भीतरी कक्ष (इनर केबिन) में रखे सभी कीमती सामान को आसानी से बाहर निकालने का आशीर्वाद मांगा है.
46 साल बाद जगन्नाथ मंदिर का खजाना खोला गया
इससे पहले 14 जुलाई को 46 साल बाद जगन्नाथ मंदिर का खजाना खोला गया था. उस दिन रत्न भंडार के बाहरी कक्ष के आभूषण और कीमती सामान को स्ट्रांग रूम में शिफ्ट किया गया था. पुरी मंदिर के मुख्य प्रशासक अरविंद पाढ़ी ने बताया कि आउटर रत्न भंडार का सामान लकड़ी के 6 बक्सों में शिफ्ट करके सील कर दिया गया है, लेकिन इनर रत्न भंडार का सामान शिफ्ट नहीं किया जा सका. जस्टिस रथ ने पुरी के राजा और गजपति महाराजा दिव्य सिंह देब से अनुरोध किया था कि वो रत्न भंडार में मौजूद रहे. साथ ही कीमती सामान को बाहर निकालने की प्रक्रिया की निगरानी करने करें। इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी की जा रही है