नई दिल्ली। पिछले करीब एक साल से जातीय हिंसा से जूझ रहे मणिपुर को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा है कि उनकी सरकार ने समय से राज्य में हस्तक्षेप किया, जिससे वहां की स्थिति में काफी सुधार हुआ है।
गौरतलब है कि विपक्षी पार्टियां मणिपुर के मामले में प्रधानमंत्री की चुप्पी को लेकर निशाना साधती रही हैं। विपक्ष का आरोप रहा है कि केंद्र सरकार ने मामले को ठीक से संभाला होता तो हिंसा इतनी नहीं भड़कती। मणिपुर की हिंसा में दो सौ से ज्यादा लोगों की मौत हुई है और 50 हजार से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘द असम ट्रिब्यून’ अखबार को इंटरव्यू दिया है। इसमें मणिपुर के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा- मैं इस बारे में पहले ही संसद में बोल चुका हूं। मणिपुर की स्थिति से संवेदनशीलता से निपटना होगा। यह हम सबकी जिम्मेदारी है। हमने हिंसा खत्म करने के लिए अपना सबसे बेहतर संसाधन और प्रशासनिक मशीनरी तैनात की है। मोदी ने कहा- समय पर केंद्र के हस्तक्षेप और मणिपुर सरकार के प्रयासों के कारण राज्य की स्थिति में काफी सुधार हुआ है। जब संघर्ष अपने चरम पर था, तब गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर में जाकर रहे थे। उन्होंने 15 से अधिक बैठकें कीं।
कांग्रेस पर हमला करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने इस इंटरव्यू में कहा- आजादी के बाद पूर्वोत्तर राज्य दशकों तक हाशिए पर रहे। कांग्रेस सरकारों ने यहां के लोगों के साथ सौतेला व्यवहार किया। हमने इस धारणा को बदला कि पूर्वोत्तर बहुत दूर है। उन्होंने कहा- आज पूर्वोत्तर न दिल्ली से दूर है और न दिल से दूर है।
पूर्वोत्तर ने दुनिया को दिखाया है कि जब नीयत सही होती है, तो नतीजे भी सही होते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने इंटरव्यू में अरुणाचल प्रदेश को लेकर पूछे गए एक सवाल पर कहा- अरुणाचल प्रदेश भारत का हिस्सा है और रहेगा। इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए।