नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के पहले चरण में पश्चिम बंगाल के कूचबिहार में हिंसा हुई। पश्चिम बंगाल के कूचबिहार में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच पथराव हो गया। तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि कूचबिहार के तूफानगंज में भाजपा कार्यकर्ताओं ने पोलिंग बूथ पर हिंसा की। तृणमूल एजेंट्स से मारपीट की गई है, इसमें कई घायल हैं। ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता हथियारों के साथ बूथ के सामने खड़े होकर मतदाताओं को डरा रहे हैं। उधर जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर के पूर्वी इम्फाल में उपद्रवियों ने ईवीएम तोड़ दिए और बाद में आग लगा दी। इसके अलावा एक पोलिंग बूथ पर मैती समूहों द्वारा कब्जा कर लिए जाने की खबर भी मिली।
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छत्तीसगढ़ के बस्तर में लोकसभा चुनाव की ड्यूटी में तैनात एक जवान यूबीजीएल शेल ब्लास्ट की चपेट में आने से शहीद हो गया। यह घटना बस्तर के बीजापुर में हुई है। एक दूसरी घटना में बीजापुर के भैरमगढ़ में सीआरपीएफ का एक सहायक कमांडेंट घायल हो गया। बीजापुर में सीआरपीएफ के कांस्टेबल देवेंद्र कुमार उसूर थाना क्षेत्र सुरक्षा कैंप गलगम से एरिया डोमिनेशन के लिए निकले थे। इस दौरान यूबीजीएल सेल के विस्फोट होने से घायल हो गए थे। उनको एयर एंबुलेंस से जगदलपुर मेडिकल कॉलेज ले जाया गया था, जहां इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।
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उधर नगालैंड में एक आदिवासी संगठन के बंद के आह्वान की वजह से चार लाख लोगों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। लेकर नगालैंड के छह पूर्वी जिलों में मतदान कर्मी बूथों पर नौ घंटे तक इंतजार करते रहे, लेकिन क्षेत्र के चार लाख मतदाताओं में से एक भी मतदान करने नहीं आया। बताया जा रहा है कि ‘फ्रंटियर नागालैंड क्षेत्र’की मांग को लेकर दबाव बनाने के लिए बंद का आह्वान किया गया था।