नई दिल्ली/इम्फाल। मणिपुर हिंसा थम नहीं रही है और न प्रदर्शन कम हो रहे हैं। इस बीच रविवार को पुलिस की गोली से एक मैती प्रदर्सनकारी की मौत हो गई, जिसके बाद तनाव और बढ़ गया। इसे देखते हुए राज्य के सभी स्कूल दो दिन के लिए बंद कर दिए गए हैं। कर्फ्यू भी जारी है और सात जिलों में इंटरनेट पर पाबंदी भी लगी रहेगी। इस बीच केंद्र सरकार ने अर्धसैनिक बलों के पांच हजार जवान मणिपुर भेजने का फैसला किया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को लगातार दूसरे दिन मणिपुर की स्थिति की समीक्षा की। इससे पहले रविवार को उन्होंने महाराष्ट्र का दौरा रद्द करके मणिपुर पर बैठक की थी।
बहरहाल, मणिपुर में शनिवार रात को भड़की हिंसा के बाद स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। जिरीबाम जिले में रविवार को एक मैती प्रदर्शनकारी की पुलिस की गोली से मौत हो गई थी। इसके बाद हालात और खराब हो गए हैं। इसे देखते हुए राज्य के स्कूलों में दो दिन की छुट्टी कर दी गई है। इस बीच बताया गया है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी, एनआईए मणिपुर हिंसा से जुड़े तीन मामलों की जांच करेगी। साथ ही केंद्र सरकार ने हालात पर काबू पाने के लिए अर्धसैनिक बलों की 50 कंपनियां यानी पांच हजार जवान मणिपुर भेजने का फैसला किया है।
गौरतलब है कि, 11 नवंबर को कुकी उग्रवादियों ने जिरीबाम से छह लोगों को अगवा किया था। इनमें से पांच के शव शुक्रवार और शनिवार को बरामद हुए थे, जबकि एक शव सोमवार को मिला। शव मिलने के बाद से ही प्रदर्शन जारी है। हिंसा को देखते हुए सात जिलों इम्फाल पश्चिमी, इंफाल पूर्वी, बिष्णुपुर, थौउबल, काकचियांग, कांगपोकपी और काकचियांग में बेमियादी कर्फ्यू लागू है, जबकि सात जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद हैं।
इस बीच मणिपुर यूनिवर्सिटी के छात्रों ने इम्फाल में प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और राज्यपाल लक्ष्मण आचार्य के पुतले जलाए। शांति बहाली के लिए सेना, असम राइफल्स, बीएसएफ, सीआरपीएफ, मणिपुर पुलिस और राज्य के कमांडो इम्फाल और बाहरी इलाकों में फ्लैग मार्च कर रहे हैं। साथ ही राजनीतिक गतिविधियां भी तेज हो गई हैं। विधायकों का एक समूह मुख्यमंत्री को हटाने की मांग कर रहा है।