नई दिल्ली। मणिपुर में एक साल से ज्यादा समय से चल रही जातीय हिंसा के बीच राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए ने दावा किया है कि मणिपुर को अशांत बनाए रखने का साजिश म्यांमार से रची जा रही है। एनआईए ने अपने एक आरोपपत्र में कहा है कि म्यांमार से मणिपुर को अस्थिर करने की कोशिशें हो रही हैं। केंद्र सरकार को इनपुट मिले थे कि सीमापार स्थित नगा विद्रोही गुट दो प्रतिबंधित मैती संगठनों की मदद कर रहा है। एनआईए ने असम की अदालत में आरोपपत्र पेश किया है।
एनआईए ने आरोपपत्र में कहा है- हमने चीन, म्यामांर मॉड्यूल के पांच आरोपियों को पिछले साल जुलाई में गिरफ्तार किया था। चीन, म्यांमार मॉड्यूल म्यांमार से संचालित है और नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड यानी एनएससीएन के आईएम गुट से जुड़ा है। गिरफ्तार किए गए लोगों ने बताया कि चीन, म्यामांर मॉड्यूल भारत में घुसपैठ के लिए दो प्रतिबंधित मैती संगठनों की मदद करता है।
इस बीच मणिपुर में सुरक्षा अधिकारियों ने बताया है कि राज्य में आठ से 13 मई के बीच करीब 13 लोगों को अगवा किया गया है। इनमें चार पुलिसकर्मी और एक सीआरपीएफ का जवान भी शामिल है। बाकी स्थानीय लोग हैं। सुरक्षा अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि अगवा किए गए लोगों की वास्तविक संख्या इससे कहीं ज्यादा हो सकती है, क्योंकि ज्यादातर परिवार गायब हुए लोगों की पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं कराते। मणिपुर पुलिस ने अगवा किए जाने की शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए 10 लोगों को गिरफ्तार किया है।