नागपुर। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव हारने के बाद पहली बार उद्धव ठाकरे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और विनायक दामोदर सावरकर को भारत रत्न देने की मांग की। गौरतलब है कि पिछले हफ्ते लोकसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सावरकर पर हमला किया था। उसके बाद उद्धव ठाकरे का सावरकर के लिए भारत रत्न की मांग करना महा विकास अघाड़ी की पार्टियों के बीच आए तनाव का संकेत है। हालांकि पहले भी कांग्रेस और उद्धव ठाकरे की पार्टी के बीच सावरकर को लेकर अलग अलग राय रही है।
बहरहाल, उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके विनायक दामोदर सावरकर को भारत रत्न देने की मांग की। उद्धव ने कहा- कांग्रेस को वीर सावरकर और भाजपा को अब नेहरू की रट नहीं लगानी चाहिए। इन महापुरुषों ने जो किया वह किया, अब आगे की बात करनी चाहिए। उन्होंने यह भी पूछा कि भाजपा वीर सावरकर को भारत रत्न कब देगी? देवेंद्र फड़नवीस ने भी 2019 में इस बारे में पत्र लिखे थे, उसका क्या हुआ। तब भी मोदी ही पीएम थे। इससे पहले 14 दिसंबर को पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने भी सावरकर को भारत रत्न देने की मांग की थी।
बहरहाल, उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र सरकार पर भी निशाना साधा और कहा कि यह ईवीएम सरकार है। उन्होंने कहा- ईवीएम सरकार को शुभकामनाए, उनका पहला सत्र है। परंपरा रही है कि मुख्यमंत्री सदन में मंत्रियों का परिचय कराते हैं। जिनके ऊपर ईडी के केस हैं, ऐसे मंत्रियों का परिचय सीएम को कराना पड़ा। ‘एक देश, एक चुनाव’ को लेकर उद्धव ठाकरे ने कहा- यह ध्यान भटकाने की कोशिश है। ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ से पहले बैलेट पेपर पर चुनाव करा लें, अगर लोगो के मन में शंका है। उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव आयुक्त का भी चुनाव होना चाहिए। ‘माझी लड़की बहिन योजना’ को लेकर उद्धव ने कहा- मेरी मांग है कि योजना तत्काल शुरू करें और वादे के मुताबिक बिना किसी नियम या शर्त के महिलाओं को 21 सौ रुपए दें।