मुंबई। छत्रपति शिवाजी महाराज की सिंधुदुर्ग के राजकोट किले में लगी मूर्ति गिरने के मामले पर महाराष्ट्र में राजनीति तेज हो गई है। विपक्षी गठबंधन ने इसे लेकर सरकार पर बड़ा हमला किया है। बुधवार को विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी के नेताओं की एक बैठक उद्धव ठाकरे के निवास मातोश्री पर हुई। इसमें एनसीपी के संस्थापक शरद पवार और महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले भी शामिल हुए। बैठक के बाद तीनों पार्टियों के नेताओं ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की और सरकार पर हमला बोला।
पूर्व मुख्यमंत्री उद्भव ठाकरे ने भाजपा को निशाना बनाते हुए कहा- भगत सिंह कोश्यारी समुद्र किनारे राजभवन में रहते थे, उनकी टोपी कभी नहीं उड़ी। शिवाजी महाराज की मूर्ति हवा से कैसे गिर गई? राज्य में भ्रष्टाचार से लिप्त सरकार चल रही है। स्मारक के काम में करोड़ों का भ्रष्टाचार हुआ है। इसे फिर से बनाने के नाम पर करोड़ों का भ्रष्टाचार होगा। कामकाज में कीड़े लग गए हैं। मैं इन्हें शिवद्रोही कहूंगा। उद्धव ने कहा- महिला सुरक्षा को लेकर हमने पहले बंद का आवाहन किया था, लेकिन के कोर्ट आदेश के कारण ये नहीं हो सका। अब एक सितंबर को एमवीए का मुंबई के हुतात्मा चौक पर आंदोलन होगा।
शरद पवार ने कहा कि राज्य सरकार इसकी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकती। ये गंभीर मामला है उन्होंने कहा कि इसमें कोई राजनीति नहीं है। कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा- पीएम मोदी को शिवाजी महाराज की तरह टोपी पहनाई गई। शिवाजी महाराज की तुलना पीएम मोदी से कर रहे हैं। ये महाराष्ट्र का अपमान है। जनता में गुस्सा है। ये शिवद्रोही लोग हैं। गौरतलब है कि महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में राजकोट किले में दो दिन पहले छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा गिर गई थी, जिसका उद्घाटन कुछ समय पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।
इसी मसले पर बुधवार को शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के नेता आदित्य ठाकरे और भाजपा सांसद नारायण राणे के समर्थक आपस में भिड़ गए। ये दोनों नेता अपने अपने समर्थकों के साथ एक ही समय पर राजकोट के किले पर पहुंचे। बुधवार सुबह आदित्य ठाकरे किले में अपने समर्थकों के साथ चर्चा कर रहे थे। इसी दौरान नारायण राणे अपने बेटे निलेश राणे और भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ राजकोट किला पहुंचे। यहां तैनात पुलिस अधिकारियों से उनकी बहस होने लगी। इसके बाद ठाकरे समर्थकों से राणे के समर्थक भिड़ गए। दोनों के बीच धक्का मुक्की हुई।