मुंबई। महाराष्ट्र में अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई है। विधानसभा चुनाव में जीते विपक्षी सांसदों ने शपथ लेने से इनकार कर दिया है। शनिवार, सात दिसंबर को विधानसभा के विशेष सत्र के पहले दिन विपक्षी विधायकों ने शपथ का बहिष्कार किया। उन्होंने कहा कि उनको इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम के नतीजे पर भरोसा नहीं है। हालांकि इस मसले पर विपक्षी गठबंधन में मतभेद दिखा। समाजवादी पार्टी के दोनों विधायकों अबू आसिम आजमी और रईस शेख ने महायुति के विधायकों के साथ शपथ ले ली।
विशेष सत्र के पहले दिन शनिवार को सभी 288 नए विधायकों को शपथ लेनी थी परंतु 173 विधायकों ने ही शपथ ली। इसमें कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिव सेना और शरद पवार की एनसीपी के सारे विधायक शामिल हैं। शपथ का बहिष्कार करने के बाद उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने कहा- हमारे विधायकों ने आज शपथ नहीं ली। अगर ये जनता का जनादेश होता तो लोग खुश होते, जश्न मनाते, लेकिन कहीं भी लोगों ने इस जीत का जश्न नहीं मनाया। हमें ईवीएम पर शक है।
विपक्ष के वॉकआउट पर उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा- चुनाव हुआ है और लोगों ने हमें जिताया है। अभी वॉकआउट से कुछ नहीं होने वाला। अगर विपक्ष को कुछ करना है तो चुनाव आयोग के पास जाना चाहिए। वहां भी न्याय नहीं मिलता तो अदालत का दरवाजा खटखटाना चाहिए। बहरहाल, 115 विधायकों को शपथ लेना बाकी है। इनमें विपक्ष के सभी विधायक शामिल हैं। हो सकता है कि बाकी विधायकों के साथ रविवार, आठ दिसंबर को विपक्ष के विधायक भी शपथ लें।
उससे पहले शनिवार को शरद पवार की पार्टी के नेता जितेंद्र अव्हाड ने कहा- हम विधायकों के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हुए और हमने शपथ नहीं ली। इसका कारण ये था कि मारकडवाडी के लोग विधानसभा चुनाव के लिए बैलेट पेपर से मतदान चाहते थे और प्रशासन ने यह मांग नहीं मानी। लोगों को ये तय करने का अधिकार है कि वे कैसे मतदान करना चाहते हैं। क्या अपनी राजनीतिक जागरूकता दिखाना गलत है।
कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा- जब भी हम ईवीएम, वीवीपैट की जांच के बारे में बात करते हैं तो चुनाव आयोग हमेशा मॉकपोल की बात करता है। वे हमें सौ फीसदी जांच करने की अनुमति नहीं देते हैं। चुनाव पारदर्शी तरीके से हुए, अगर ईवीएम में कोई समस्या नहीं है तो मारकडवाडी गांव में दोबारा वोटिंग कराने में क्या समस्या है? पूरा गांव इसकी मांग कर रहा है, हम मारकडवाडी गांव के लोगों के साथ हैं। बहरहला, विपक्षी पार्टियों को अगर विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेना है तो उनको शपथ लेनी होगी।