मुंबई। महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर विवाद तेज हो गया है। ओबीसी नेता छगन भुजबल ने ओबीसी कोटे में मराठाओं को आरक्षण देने का विरोध किया और पिछड़ी जातियों का आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया है। उन्होंने यह भी बताया है कि वे पिछले साल नवंबर में ही मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे चुके है। हालांकि बाद में राज्य के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि छगन भुजबल का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है।
छगन भुजबल ने अहमदनगर में एक रैली में कहा है- मराठा आरक्षण के मुद्दे पर मैंने 16 नवंबर 2023 को मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। वजह ये थी कि सरकार ने ओबीसी कोटे में मराठाओं को पिछले दरवाजे से एंट्री दी। भुजबल ने कहा- मैं इस्तीफे को लेकर दो महीने से चुप रहा, क्योंकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री ने इस बारे में बोलने से मना किया था। मैं मराठा आरक्षण का विरोधी नहीं हूं, लेकिन राज्य में जो ओबीसी कोटा है, उसे मराठा के साथ शेयर करने के खिलाफ हूं। गौरतलब है कि 27 जनवरी 2024 को मुख्यमंत्री शिंदे ने मराठा आरक्षण के लिए आंदोलन कर रहे मनोज जरांगे पाटिल की मांगें मान ली थीं। इसके साथ ही मराठाओं को ओबीसी कोटे में शामिल कर उन्हें आरक्षण देने का ऐलान किया था। भुजबल इसके विरोध में थे। इसके बाद शिंदे सरकार में भाजपा के मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने भुजबल से इस्तीफे की मांग की थी। इसे लेकर शनिवार तीन फरवरी को भुजबल ने कहा- मुझे बरखास्त करने की कोई जरूरत नहीं है। मैं इस्तीफा दे चुका हूं और ओबीसी के लिए आखिरी दम तक लड़ता रहूंगा।