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शरद और सुप्रिया पर बदले अजित के सुर

मुंबई। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले महाराष्ट्र की राजनीति में कुछ बदलाव की आहट सुनाई देने लगी है। शरद पवार से अलग होकर भाजपा गठबंधन की सरकार में शामिल हुए अजित पवार के सुर बदल गए हैं। उन्होंने शरद पवार को अपने परिवार का मुखिया बताया है और वे कहा है कि वे उनकी किसी आलोचना का जवाब नहीं देंगे। इतना ही नहीं अजित पवार ने माना है कि लोकसभा चुनाव में सुप्रिया सुले के खिलाफ बारामती सीट पर अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को चुनाव लड़ाना गलत फैसला था। गौरतलब है कि दो से तीन महीने में महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।

महाराष्ट्र में सभी पार्टियां चुनाव की तैयारी में लग गई हैं और इस बीच अजित पवार ने अपने चाचा की ओर से दोस्ती की हाथ बढ़ाते हुए कहा है कि लोकसभा चुनाव में पत्नी सुनेत्रा पवार को चचेरी बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ चुनाव लड़ाना गलती थी। पवार ने 13 अगस्त को एक मराठी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा- मैं अपनी सभी बहनों से प्यार करता हूं। राजनीति को घर में घुसने नहीं देना चाहिए। बहन के खिलाफ सुनेत्रा को चुनाव लड़ाने का फैसला पार्टी संसदीय बोर्ड का था। अब मुझे लगता है कि यह गलत फैसला था।

रक्षाबंधन पर बहनों से राखी बंधवाने के सवाल पर अजित पवार ने कहा- अगर हम एक जगह पर रहे तो बहनों से मिलने जरूर जाऊंगा। हालांकि अजित पवार के बयान पर बारामती सांसद और शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने तत्काल कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि कहा कि उन्हें नहीं पता कि अजित पवार ने क्या कहा है। परंतु उनकी पार्टी के एक प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा चाहती है कि अजित पवार महायुति यानी सत्तारूढ़ गठबंधन छोड़ कर बाहर हो जाएं।

बहरहाल, अजित पवार ने बहन सुप्रिया सुले के अलावा चाचा शरद पवार की भी चर्चा की। उन्होंने कहा- शरद पवार सीनियर लीडर हैं और हमारे परिवार के मुखिया हैं। मैं उनकी किसी भी आलोचना का जवाब नहीं दूंगा। उन्होंने गठबंधन की पार्टियों यानी भाजपा और शिव सेना को नसीहत भी दी और कहा कि उनको भी समझना चाहिए कि वे चाचा शरद पवार पर क्या बोल रहे हैं। अजित पवार के बयान पर उनकी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे​​​​​​​ ने कहा- अजित दादा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। उन्होंने जो कहा वो ऑफिशियल है। उन्होंने अपनी भावना व्यक्त की हैं। दादा इज ग्रेट।

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