नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने असली एनसीपी के नेता अजित पवार की मुश्किल बढ़ा दी है। सर्वोच्च अदालत ने लोकसभा चुनाव में अजित पवार की पार्टी को घड़ी चुनाव चिन्ह के इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है लेकिन साथ ही कहा है कि उन्हें विज्ञापन देकर बताना होगा कि घड़ी चुनाव चिन्ह का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इसके साथ ही अदालत ने शरद पवार की पार्टी को एनसीपी शरद चंद्र पवार नाम और तुरही बजाते आदमी का चुनाव चिन्ह इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी है। Maharashtra politics Ajit Kumar
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सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इस मामले में सुनवाई की और शरद पवार को अस्थायी तौर पर मिले नाम और चुनाव चिन्ह के इस्तेमाल की मंजूरी दी। साथ ही कोर्ट ने अजित पवार गुट से कहा कि वे सार्वजनिक रूप से विज्ञापन देकर बताएं कि उनके चुनाव चिन्ह घड़ी का मामला अदालत में है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में अजित पवार से कहा- एनसीपी अंग्रेजी, हिंदी, मराठी के अखबारों में विज्ञापन देकर बताए कि उसके चुनाव चिन्ह घड़ी का मामला कोर्ट में विचाराधीन है। इस पर अंतिम निर्णय कोर्ट में सुनवाई के बाद ही होगा।
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इतना ही नहीं अजित पवार को घड़ी चुनाव चिन्ह के कोर्ट में विचाराधीन होने को हर टेम्प्लेट, ऐड, ऑडियो-वीडियो क्लिप में भी बताना होगा। दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट ने शरद पवार गुट को लोकसभा चुनाव एनसीपी शरद चंद्र पवार नाम से ही लड़ने की इजाजत दे दी। कोर्ट ने चुनाव आयोग को भी निर्देश दिया कि वह लोकसभा-विधानसभा चुनावों के लिए दूसरों को तुरही बजाता आदमी चिन्ह दे।
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इससे पहले 14 मार्च को महाराष्ट्र सरकार में उप मुख्यमंत्री अजित पवार के गुट को कोर्ट ने फटकार लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- अजित गुट लिखकर दे कि शरद पवार का फोटो इस्तेमाल नहीं करेंगे। कोर्ट ने कहा- अब आप अलग पार्टी हैं, अपनी पहचान बनाएं। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने अजित पवार गुट से 18 मार्च तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा था। बेंच ने अजित गुट से बिना शर्त लिखित गारंटी देने का आदेश दिया कि वे शरद पवार की तस्वीर का इस्तेमाल नहीं करेंगे।