मुंबई। महाराष्ट्र के विधान परिषद चुनाव में उद्धव ठाकरे का दांव नहीं चला है। 11 सीटों के लिए हुए चुनाव में उन्होंने एक अतिरिक्त उम्मीदवार उतार दिया था। माना जा रहा था कि वे महायुति यानी भाजपा, शिव सेना और एनसीपी के खेमे में सेंध लगा देंगे। लेकिन कामयाबी नहीं मिली। उलटे महाविकास अघाड़ी की पार्टियों के सात से आठ विधायकों के क्रॉस वोटिंग करने की खबर है। राज्य में 11 सीटों के लिए हुए चुनाव में एनडीए को नौ सीटें मिली हैं, जबकि ‘इंडिया’ ब्लॉक को दो सीटों से संतोष करना पड़ा है। उद्धव ठाकरे ने तीसरे उम्मीदवार के रूप में अपने करीबी मिलिंद नार्वेकर को उतारा था।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र की 288 सदस्यों की विधानसभा में इस समय 274 विधायक हैं, जिनमें से 270 विधायकों ने शुक्रवार को मतदान में हिस्सा लिया। विधान भवन कॉम्प्लेक्स में सुबह नौ बजे से दोपहर दो बजे तक 270 विधायकों ने वोट डाला। विधान परिषद के 11 सदस्य 27 जुलाई को रिटायर हो रहे हैं। इनकी जगह भरने के लिए 11 सीटों पर 12 उम्मीदवार मैदान में थे। फायरिंग केस में जेल में बंद गणपत गायकवाड़ ने भी विशेष अनुमति लेकर वोट डाला। विधान परिषद चुनाव में जीत के लिए एक उम्मीदवार को 23 विधायकों के वोट चाहिए थे। कांग्रेस, उद्धव ठाकरे और शरद पवार के पास 65 विधायक थे, जबकि तीन सीट जीतने के लिए उन्हें 69 विधायकों की जरुरत थी। लेकिन पार्टी अतिरिक्त वोट का जुगाड़ नहीं कर सकी। उलटे उसके विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की।
महाराष्ट्र विधानसभा में भाजपा के 103, शिवसेना के 38, एनसीपी के 42, कांग्रेस के 37, शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के 15 और एनसीपी शरद पवार गुट के 10 विधायक हैं। महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति ने नौ उम्मीदवार उतारे थे। इसमें भाजपा ने सबसे ज्यादा पांच और एनसीपी व शिव सेना ने दो दो उम्मीदवार दिए थे। विपक्षी महाविकास अघाड़ी के तीन उम्मीदवार मैदान में थे। इसमें कांग्रेस और उद्धव ठाकरे गुट ने एक एक उम्मीदवार खड़ा किया था, जबकि शरद पवार ने शेतकरी कामगार पक्ष के उम्मीदवार जयंत पाटिल का समर्थन किया था। कांग्रेस की प्रदन्या सातव चुनाव जीत गई हैं।