मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) के नेतृत्व में गुरुवार को कैबिनेट बैठक हुई। इस बैठक में कई अहम मुद्दों को लेकर फैसले किए गए। बैठक संपन्न होने के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रेसवार्ता को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आज से 30-40 साल पहले जो किसान अपनी जमीन की देय रकम नहीं भर पाए थे, उस वजह से उनकी जमीन क्लास 2 की श्रेणी में चली गई थी। हमारी सरकार ने उसे क्लास 1 में करके किसानों को जमीन लौटाने का फैसला किया है। इसके अलावा, सभी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए भी मंत्रिमंडल की बैठक आधार कार्ड की यूनिक आईडी की तर्ज पर एक यूनिक आईडी जारी किए जाने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि राज्य में विभिन्न विभाग एक ही जगह पर समान प्रकार के विकास कार्य करते हैं, इससे अनावश्यक दोहराव और करोड़ों रुपये का नुकसान होता है। इस नई व्यवस्था के तहत, आधार कार्ड की तरह ही प्रत्येक परियोजना को एक विशिष्ट आईडी दी जाएगी, जिससे पुनरावृत्ति रोकी जा सकेगी और विकास कार्यों की सटीक निगरानी हो सकेगी। कैबिनेट का यह निर्णय इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि राज्य सरकार वर्तमान में मुंबई और महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में तीन लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर काम कर रही है।
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मुख्यमंत्री फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने बताया कि हर परियोजना की एक यूनिक आईडी से यह पता चल सकेगा कि किस क्षेत्र में, किस कार्य की योजना है और कहां क्या जरूरत है। इससे विकास कार्यों की सटीकता बढ़ेगी और धन और श्रम का बेहतर उपयोग हो सकेगा। यह जानकारी प्रधानमंत्री गति शक्ति पोर्टल, ग्राम विकास पोर्टल और महाराष्ट्र रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर (एमआरएसएसी) से एकीकृत की जाएगी। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी सामाजिक विकास निगमों को एक आईटी प्लेटफॉर्म पर लाने का भी निर्देश दिया है। इससे सभी विकास योजनाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध होंगी और लोग आसानी से इन योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे। इस निर्णय से ‘ईज ऑफ लिविंग’ के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने इस नई व्यवस्था के स्वरूप को तय करने के लिए एक समिति का गठन किया है, जिसमें योजना विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजगोपाल देवड़ा, प्रमुख सचिव (व्यय) सौरभ विजय, ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव एकनाथ डावले और नासिक के संभागीय आयुक्त प्रवीण गेदाम शामिल हैं। समिति अपनी रिपोर्ट कैबिनेट को सौंपेगी।