भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल में मंत्रियों और विधायकों के आवास निर्माण (Housing Construction) के लिए कथित तौर पर 29 हजार पेड़ काटे जाने की कोशिश का विरोध शुरू हो गया है। इसको लेकर महिलाओं ने धरना दिया और पेड़ों से लिपटकर अपना विरोध (Protest) दर्ज कराया। दरअसल, राजधानी में विधायकों और मंत्रियों के लिए नए बंगले बनाने का प्रस्ताव लंबित है। तुलसी नगर और शिवाजी नगर में बंगले प्रस्तावित हैं और आशंका इस बात की जताई जा रही है कि बंगलों के निर्माण के लिए बड़ी तादाद में पेड़ काटे जाएंगे। इस बात को लेकर स्थानीय लोगों में गुस्सा है और वह आंदोलन की राह पर चल पड़े हैं।
स्थानीय लोगों ने पांच नंबर बस स्टॉप पर धरना दिया। इसमें महिलाएं भी शामिल हुईं। इन महिलाओं ने पेड़ से लिपटकर अपना विरोध जताया। प्रदर्शन में हिस्सा लेने पहुंची महिलाओं का कहना है कि जब गरीबों को शहर के बाहर बसाया जा सकता है तो मंत्रियों और विधायकों के लिए शहर के बाहरी इलाके में बंगले क्यों नहीं बनाए जा सकते। पूर्व नेता प्रतिपक्ष और विधायक अजय सिंह (Ajay Singh) ने सबसे पहले इस मसले को उठाया था और आरोप लगाया था कि पेड़ों को काटने की योजना को सिर्फ मुख्यमंत्री की मंजूरी शेष रह गई है। उन्होंने इस बात का विरोध किया था और सरकार को चेतावनी भी दी थी।
पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता पीसी. शर्मा (PC Sharma) का कहना है कि सरकार मंत्रियों और विधायकों के लिए बंगले बनाने जा रही है। इसके लिए लगभग 50 हजार पेड़ काटे जाने हैं। शिवाजी नगर और तुलसी नगर में जहां पेड़ काटे जाने की योजना है, वह राजधानी का सबसे हरियाली वाला इलाका है। सरकार की योजना सफल होती है तो भोपाल का तापमान 50 डिग्री सेल्सियस को पार कर जाएगा। राज्य के मुख्यमंत्री मोहन यादव (Mohan Yadav) ने कांग्रेस नेताओं के आरोप पर साफ किया था कि पर्यावरण के प्रति राज्य सरकार गंभीर है और किसी पेड़ की अकाल मृत्यु नहीं होगी। निर्माण अथवा अन्य कार्य के चलते अगर पेड़ को हटाना जरूरी हुआ तो पेड़ को स्थानांतरित किया जाएगा।
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