भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने गुरुवार को युवा केंद्रित योजना ‘युवा नीति’ (Youth Policy) की शुरुआत की। इसके कुछ कुछ घंटों बाद विपक्षी कांग्रेस ने राज्य में भाजपा-शासन के लगभग दो दशकों (2018-20 को छोड़कर) के दौरान सामने आए घोटालों की सूची जारी करके इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। मुख्यमंत्री शिवारज सिंह चौहान ने ‘शहीद दिवस’ और भाजपा (BJP) के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के तीन साल के कार्यकाल के पूरा होने के अवसर पर योजना शुरू की। वहीं कांग्रेस (Congress) ने दावा किया कि राज्य में भाजपा के 18 साल के शासन में 10,000 से अधिक छात्रों और लगभग 7,000 युवाओं ने आत्महत्या की।
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मध्य प्रदेश विधानसभा (Madhya Pradesh Legislative Assembly) के वार्षिक बजट सत्र के दौरान कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया (Yashodhara Raje Scindia) के हालिया बयान का हवाला देते हुए, कांग्रेस ने दावा किया कि 37 लाख से अधिक शिक्षित युवाओं और एक लाख से अधिक अकुशल युवाओं ने नौकरियों के लिए राज्य सरकार से संपर्क किया है। जबकि, पिछले तीन वर्षों में (1 अप्रैल 2020 से) सरकार केवल 21 नौकरियां ही सृजित कर सकी। भोपाल में पार्टी मुख्यालय में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष विक्रांत भूरिया (Vikrant Bhuria) ने कहा कि भाजपा ने 2003 में सरकार बनाई और ठीक एक साल बाद (2004) पीएमटी परीक्षा घोटाला सामने आया। विक्रांत भूरिया ने दावा किया कि भाजपा सरकार के तहत अधिकारियों और शक्तिशाली राजनेताओं का एक मजबूत गठजोड़ पनप रहा था और सरकारी नौकरियों के लिए भर्ती परीक्षा से संबंधित एक दर्जन से अधिक घोटाले सामने आए, जिससे मध्य प्रदेश में लगभग एक करोड़ युवाओं का भविष्य बर्बाद हो गया।
उन्होंने आगे कहा कि जब विधानसभा चुनाव सिर्फ छह महीने दूर हैं तो भाजपा सरकार ‘युवा नीति’ शुरू कर रही है और इसलिए राज्य में युवाओं की स्थिति का विस्तृत मूल्यांकन करना आवश्यक है। इस सरकार ने व्यापम सहित कई अन्य भर्ती परीक्षाओं में एक के बाद एक घोटालों से युवाओं का भविष्य बर्बाद कर दिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के मीडिया एवं संचार प्रभारी के.के. मिश्रा (K K Mishra) ने कहा कि डेंटल और निजी मेडिकल कॉलेज भर्ती (Medical College Recruitment) से जुड़ा घोटाला व्यापम से भी बड़ा है। मिश्रा ने आगे कहा कि सीएम चौहान ने 2006 में खुद सदन में कहा था कि मामले की जांच कराई जाएगी, लेकिन उसके बाद से कुछ नहीं हुआ। यह इतना बड़ा घोटाला था कि सीबीआई (CBI) ने भी सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के सामने मामले की जांच करने में असमर्थता जताई थी। आज जब मुख्यमंत्री चौहान ‘युवा नीति’ का शुभारंभ कर रहे हैं तो उन्हें यह भी बताना चाहिए कि विभिन्न घोटालों की जांच रिपोर्ट लोगों के सामने क्यों नहीं रखी गईं। (आईएएनएस)