भोपाल। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने केंद्रीय बजट को आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा वाला बजट बताते हुए आज कहा कि ये सर्वस्पर्शी बजट देश के समग्र विकास को समर्पित है। चौहान ने यहां स्थित भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रदेश कार्यालय में संवाददाताओं से चर्चा के दौरान कहा कि अमृत काल का ये पहला आम बजट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के संकल्प वाला बजट है। ये गांव, गरीब, किसान, आदिवासी, दलित, शोषित, वंचित, दिव्यांगों, महिलाओं और मध्यमवर्ग के लोगों को सशक्त बनाने वाला बजट है।
ये सर्वस्पर्शी बजट देश के समग्र विकास को समर्पित है। इसमें ईज ऑफ लिविंग पर जोर दिया गया है। इस बजट का एजेंडा नागरिकों को बड़े अवसर उपलब्ध कराना, रोजगार सृजन को प्राेत्साहन देना और आर्थिक स्थिरता को मजबूती देना है। उन्होंने कहा कि ये बजट सिर्फ 2023-24 का नहीं है, देश के लिए अगले 50 साल की मजबूत अर्थव्यवस्था की बुनियाद रखने वाला है। इसमें मध्यम वर्ग को व्यापक राहत दी गई है। ये बजट भारत (India) को अन्न का ग्लोबल हब बनाने की प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता को दोहराता है। मोटे अनाज पर अनुसंधान की दिशा इस बजट से मजबूत होगी। चौहान ने कहा कि इस बजट ने बता दिया है कि आदिवासी विकास (Tribal Development) के लिए प्रधानमंत्री कितने गंभीर हैं।
देश के एकलव्य विद्यालयों के लिए शिक्षकों की भर्ती जनजातीय बच्चों के लिए ऐतिहासिक कदम है। उन्होंने कहा कि पीएम मत्स्य समता योजना एक नई योजना है, जो मछुआरे समुदाय को संजीवनी देगी। युवाओं के सपनों को उड़ान देने के लिए पीएम कौशल विकास योजना में 40 स्किल सेंटर के फैसले से स्किल्ड मैन पावर प्राप्त होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट में महिला सम्मान विकास पत्र भी स्वागतयोग्य कदम है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए वरिष्ठ नागरिक बचत योजना की लिमिट बढ़ाना उनके कल्याण की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगी। उन्होंने कहा कि बजट ग्रीन ग्रोथ के लक्ष्य पर आधारित है। ये कदम कार्बन उत्सर्जन को शून्य करने के लक्ष्य की प्राप्ति को दर्शाते हैं।
रेल बजट के संदर्भ में उन्होंने कहा कि अगर 2013-14 से इसकी तुलना करें तो नौ गुना ज्यादा आवंटित किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड (Covid) और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण दुनिया भर में स्थितियां खराब हैं, ऐसे में ये बजट भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को दिखाता है। बजट में नए मेडिकल कॉलेज, नए एयरपोर्ट, सब देश के विकास का प्रतीक हैं। लगभग 10 हजार करोड़ रुपए के निवेश से गोवर्धन योजना (Govardhan Yojana) को सामने लाया जाना बताता है कि ये बजट 100 साल बाद की परिकल्पना का बजट है।