भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में धान बेचने वाले 10 हजार से ज्यादा किसानों को अब तक उनकी उपज का भुगतान नहीं हुआ है। यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) द्वारा की गई समीक्षा बैठक में सामने आया है। मुख्यमंत्री ने इन किसानों को लंबित राशि (Lending Amount) का भुगतान न करने वालो पर कार्रवाई के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री चौहान ने खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 के उपार्जन की समीक्षा की। इस दौरान विभाग की ओर से दिए गए ब्यौरे में बताया गया कि छह लाख 46 हजार 279 कृषकों से नौ हजार 427 करोड़ 60 लाख रुपए की धान खरीदी गई, इनमें से 10 हजार 319 कृषकों को 214 करोड़ 20 लाख रुपए का भुगतान प्रक्रिया में है। प्रदेश में 1542 उपार्जन केन्द्र हैं।
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इनमें से 1183 सहकारी समितियां, 328 स्व-सहायता समूह और 31 एफ.पी.ओ व एफ.पी.सी. हैं। धान उपार्जन में अनियमितता के लिए 11 संस्थाओं पर एफ.आई.आर दर्ज की गई है। किसानों के आधार लिंक बैंक खाते में सत्यापन के बाद धान उपार्जन का भुगतान किया जा रहा है। मुख्यमंत्री चैहान ने समीक्षा बैठक (Peview Meeting) में कहा है कि धान उपार्जन के लिए निर्धारित अवधि में जो किसान धान नहीं दे पाए हैं, उन शेष रहे किसानों से धान खरीदी जाए। धान उपार्जन में जिन कृषकों का भुगतान लंबित है, उनका त्वरित भुगतान सुनिश्चित करें तथा धान खरीदी में अनियमितता करने वाली सेवा सहकारी समितियों और स्व-सहायता समूहों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। (आईएएनएस)