भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में बीते कुछ दिनों में देश-विरोधी गतिविधियों में शामिल और कट्टरवादी संगठनों से नाता रखने वालों की गिरफ्तारी से संकेत मिलने लगे हैं कि राज्य में एक बार फिर देश विरोधी ताकतों के स्लीपर सेल सक्रिय हैं। राज्य में काफी अर्से तक देश-विरोधी और प्रतिबंधित संगठन सिमी की गतिविधियां चली हैं और इससे जुड़े स्लीपर सेल (Sleeper Cell) भी सक्रिय रहे हैं। सिमी के नेटवर्क को राज्य में लगभग पूरी तरह ध्वस्त किया जा चुका है मगर इसी बीच कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं जो यह बता रहे हैं कि भले ही सिमी का नेटवर्क ध्वस्त हो चुका हो, मगर देश विरोधी संगठनों से जुड़े लोग राज्य में अब भी अपनी जड़े जमाए हुए हैं। ताजा मामला जबलपुर (Jabalpur) से जुड़ा हुआ है जहां राष्ट्रीय जांच एजेंसी और मध्य प्रदेश की एटीएस (ATS) के संयुक्त अभियान में आईएसआई (ISI) से जुड़े आतंकी मॉड्यूल (Terrorist Module) का खुलासा हुआ है। इस मामले में तीन लोगों की गिरफ्तारी की गई है। इसके लिए जबलपुर में 13 स्थानों पर छापेमारी की गई थी, इन स्थानों से बड़ी मात्रा में धारदार हथियार गोला बारूद आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस (Digital Device) मिली है। जांच एजेंसियों के मुताबिक जांच के दौरान यह पता चला है कि गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपी कट्टरपंथी हैं और उनका मकसद हिंसक जिहाद को अंजाम देना था। इसके लिए वे धन जुटाते और आईएसआई की प्रचार सामग्री को बांटने के साथ युवाओं को बरगलाने का काम करते थे। इसके अलावा यह अपने संगठन में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने के साथ आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए हथियार भी खरीदने की तैयारी में लगे हुए थे, इनमें से एक व्यक्ति का तो अवैध रूप से हथियार सप्लाई करने वालों से संपर्क भी था।
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इससे पहले राज्य में 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। तब एनआईए (NIA), मप्र की एटीएस और तेलंगाना की एटीएस ने संयुक्त रुप से कार्यवाही कर भोपाल (Bhopal) के एशबाग (Eshbagh) सहित अन्य हिस्सों से 10 लोगों और एक व्यक्ति को छिंदवाड़ा से भी इस दल ने अपनी गिरफ्त में लिया था। इसके अलावा हैदराबाद (Hyderabad) में भी पांच सदस्य पकड़े गए थे। जांच दलों ने इन लोगों से तलाशी के दौरान भारी मात्रा में तकनीकी उपकरण, देश विरोधी एवं जिहादी साहित्य, विस्फोटक बनाने का साहित्य एवं सामग्री और डिजिटल दस्तावेज बरामद किए गए थे। हिज्ब-उत-तहरीर (Hizb-ut-Tahrir) के इन सदस्यों का देश के लोगों को भड़का कर भारत में इस्लामिक शरिया कानून कायम करना था। ज्ञात हो कि हिज्ब-उत-तहरीर एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है। यह संगठन पूर्व में तहरीक-ए-खिलाफत (Tehreek-e-Khilafat) के नाम से जाना जाता था। यह विश्व में खलीफा के शासन का और शरिया कानून लागू करने का समर्थक है। यह संगठन भारत में गोपनीय रूप से मुस्लिम युवकों में विरोध की विचारधारा को फैलाने के लिए एवं संगठन का विस्तार करने के लिए कार्य कर रहा है। संगठन से जुड़े व्यक्ति विभिन्न देशों में हिंसक गतिविधियों में भी शामिल रहे हैं। यह संगठन 50 से अधिक देशों में सक्रिय है तथा 16 देशों में इस पर प्रतिबंध भी है। (आईएएनएस)