भोपाल। प्रदेश सरकार पर कर्ज का भारी बोझ है राजकोषीय घाटा लगभग 1 लाख करोड़ का है इस कारण आम जनता नए टैक्स को लेकर चलते थे लेकिन सरकार की कोशिश है कि इस बार कोई भी नया टैक्स न लगाएं आज मोहन सरकार अपना पहला बजट पेश करेगी तभी सरकार की बाजीगिरी का पता चलेगा। दरअसल जब जब लोकसभा या विधानसभा में बजट पेश किया जाता है तब तब आम जनता को बेसब्री से इंतजार रहता है इस बार प्रदेश का वह वर्ग बजट को लेकर उत्साहित है जिसको लेकर विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने मोदी की गारंटी को लेकर वादे किए थे प्रदेश की जनता ने पहले विधानसभा में भाजपा को भारी बहुमत दिया और इसके बाद लोकसभा की सभी २९ सीटों पर भाजपा को विजय दिलाई शायद इसी कारण आम जनता को उम्मीद है कि भले ही चुनावी वर्ष ना होने के कारण लोक लुभावन घोषणाएं सरकार ना करें लेकिन जो जनहित ऐसी योजनाएं चल रही हैं उनके लिए पर्याप्त बजट की व्यवस्था होगी और कोई नया कर नहीं लगाया जाएगाI
युवाओं को रोजगार के साथ-साथ स्वरोजगार का प्रशिक्षण मिलने की उम्मीद है वही पेंशनर और नौकरी पैसा अपने लंबे समस्याओं का समाधान मिलने की उम्मीद पाले हुए हैं। बहरहाल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा आज मोहन सरकार का पहला पूर्ण बजट पेश करेंगे वैसे तो इस समय मोहन सरकार भारी कर्ज में डूबी हुई है फ्री बी योजनाओं को चलाने के लिए सरकार को भारी भरकम कर्ज भी लेना है क्योंकि कर्ज भी देना है किस्त भी भरना है और सरकार भी चलना है एक अनुमान के मुताबिक 88 450 करोड़ का कर्ज सरकार लेने जा रही है 1 लाख करोड़ के करीब राजकोषीय घाटा है राज्य के विकास के लिए सरकार ने आम जनता से सुझाव मांगे थे और 4000 से ज्यादा सुझाव सरकार के पास पहुंचे थे लोगों ने जो सुझाव दिए उसमें रोजगार स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए आवश्यक बजट का प्रावधान करने पर जोर दिया गया हैI
बजट में केंद्रीय योजनाओं के लिए प्राथमिकता के आधार पर विभागों को राष्ट्रीय आवंटित की जाएगी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता और पेंशनरों की महंगाई राहत बढ़ाने अन्य पिछड़ा वर्ग अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति सिंचाई और सड़क परियोजनाओं के साथ अन्य योजनाओं के लिए भी प्रावधान किया जा रहे हैं बजट को लेकर विपक्ष आक्रामक रोग अपना रहा है पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ मोहन सरकार को चुनाव में किए वादे याद दिला रहे हैं उनका कहना है कि जो वादा किया वह निभाना पड़ेगा नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार पहले ही विपक्ष की प्राथमिकताएं बता चुके हैं। कुल मिलाकर भले ही चुनावी वर्ष ना हो लेकिन सरकार कोई नया टैक्स नहीं लगाना चाहती जबकि सरकार के पास भारी भरकम कर्ज का बोझ है राजकोषीय घाटा भी बढ़ गया है इन्हीं के संतुलन के रूप में आज पेश होने बजट की बाजीगिरी को लेकर सब की निगाहें हैं।