राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों को लेकर वायुसेना का विमान ग्वालियर पहुंचा

भोपाल। दक्षिण अफ्रीका (South Africa) से 12 चीतों को लेकर भारतीय वायुसेना (IAF) का सी-17 ग्लोबमास्टर विमान (C-17 Globemaster Aircraft) शनिवार दोपहर मध्य प्रदेश के ग्वालियर हवाईअड्डे (Gwalior Airport) पर पहुंच गया। ग्वालियर हवाई ठिकाने पर पहुंचने के बाद इन बाघों को दक्षिण अफ्रीकी चीता विशेषज्ञों के साथ कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) ले जाया गया, जो करीब 200 किमी दूर स्थित है। इसके बाद, चीतों को केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव (Bhupendra Yadav) द्वारा संगरोध बोमा (Quarantine Boma) में छोड़ा जाएगा। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) भी शामिल हुए। आधिकारिक सूचना के अनुसार, 12 चीतों में से सात नर और पांच मादा चीतों को श्योपुर जिले के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में अपना नया ठिकाना मिलेगा।

ये भी पढ़ें- http://चुनाव आयोग के फैसले के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री व मंत्रियों ने अपनाया नया नाम-चिन्ह

अधिकारियों ने कहा कि चीतों के लिए रिजर्व में 10 बाड़े बनाए गए हैं। भारतीय वन्यजीव कानूनों के अनुसार, देश में आने के बाद जानवरों को 30 दिनों तक अलग-थलग रखा जाना आवश्यक है। सितंबर 2022 में, नामीबिया से आठ चीतों को भारत लाया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर को अपने जन्मदिन पर कुनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में चीतों को छोड़ दिया था। नामीबियाई आठ चीते अब एक शिकार बाड़े में हैं और जल्द ही जंगल में छोड़ दिए जाएंगे। दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों का स्थानांतरण केंद्र द्वारा विचार किए जाने के तीन साल बाद हुआ है। दुनिया की पहली अंतरमहाद्वीपीय स्थानांतरण परियोजना (Transcontinental Transfer Project), जिसका उद्देश्य देश में चीतों को फिर से आबाद करना है। 1947 में भारत में अंतिम चीता की मृत्यु हुई और 1952 में इस प्रजाति को देश से विलुप्त घोषित कर दिया गया। (आईएएनएस)

By NI Desk

Under the visionary leadership of Harishankar Vyas, Shruti Vyas, and Ajit Dwivedi, the Nayaindia desk brings together a dynamic team dedicated to reporting on social and political issues worldwide.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

और पढ़ें