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उत्तराखंड से होंगे भगवान शिव के निवास कैलाश के दर्शन

Uttarakhand News :- पिछले कुछ सालों से महादेव के कैलाश पर्वत के दर्शन के लिए मानसरोवर यात्रा खराब मौसम के कारण स्थगित की जा रही है। अब कैलाश पर्वत के दर्शन करने का एक अल्टरनेट तरीका सरकार ने आखिरकार निकाल लिया है। अगर यह सफल होता है तो पिथौरागढ़ के दूरस्थ स्थानों पर रोजगार के कई अवसर उपलब्ध हो सकते हैं। अब कैलाश पर्वत के दर्शन करना उत्तराखंड में ही संभव है। शिवभक्त अब भारत में रहकर ही भगवान शिव के दर्शन कर सकते हैं। पवित्र कैलाश पर्वत के दर्शन के लिए आपको चीन जाने की जरुरत नहीं होगी। भक्त उत्तराखंड के लिपुलेख से कैलाश मानसरोवर के दर्शन कर पाएंगे। पिछले चार साल से कैलाश मानसरोवर यात्रा किसी ना किसी कारण से स्थगित हो रही थी। ऐसे में कैलाश पर्वत के दर्शन का एक अनूठा रास्ता सरकार ने निकाल लिया है।

पिथौरागढ़ जिले में चीन सीमा के करीब 18 हजार फीट की ऊंचाई से पवित्र कैलाश पर्वत के दर्शन पूरी तरह संभव हैं। सीमांत में स्थित नाभीढ़ांग के ठीक ऊपर 2 किलोमीटर ऊंची पहाड़ी से तिब्बत में मौजूद कैलाश पर्वत आसानी से दिखाई देता है। अब तक यह बात किसी को पता नहीं थी। लेकिन, कुछ स्थानीय लोग ओल्ड लिपुपास की पहाड़ी के ऊपर पहुंचे तो वहां से पवित्र कैलाश पर्वत काफी करीब और दिव्य दिखाई दिया। वहीं, पर्यटन विभाग का कहना है कि ओल्ड लिपुपास पहुंचने के लिए 2 किलोमीटर की चढ़ाई चढ़नी पड़ती है, जो आसान नहीं है। लेकिन, यहां तक पहुंचने के लिए रास्ता भी बनाया जा सकता है। इससे पिथौरागढ़ से ही कैलाश पर्वत के दर्शन हो सकेंगे। लोगों को कैलाश पर्वत के दर्शन करने में आसानी होगी। बल्कि, स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिलेगा और अगर यह प्लान सक्सेसफुल होता है। तो, वहां पर पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

जिससे वह एक पर्यटक स्थल के रूप में स्थापित होगा। उत्तराखंड के पर्यटन को नई उड़ान भी मिलेगी। पिथौरागढ़ के जिला पर्यटन अधिकारी कीर्ति चंद्र आर्य ने बताया कि ओल्ड लिपुपास पर रास्ता बनाने के साथ ही पर्यटकों के लिए अन्य जरूरी सुविधाएं भी जुटाई जानी है। जिसके बाद इस जगह से देशभर के श्रद्धालु पवित्र कैलाश के दर्शन कर सकेंगे। स्थानीय लोगों का कहना है कि ज्योलिंगकांग से 25 किलोमीटर ऊपर लिंपियाधुरा चोटी से भी कैलाश पर्वत के दर्शन हो सकते हैं। ऐसे में ओम पर्वत, आदि कैलाश और पार्वती सरोवर के करीब से कैलाश पर्वत के दर्शन होने से क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन गतिविधियों में तेजी आने की असीम संभावनाएं हैं। (आईएएनएस)

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By NI Desk

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