रांची। झारखंड में बड़ी जद्दोजहद के बाद मुख्यमंत्री बने चम्पई सोरेन ने सोमवार को बहुमत हासिल कर लिया। चम्पई सोरेन ने सरकार बनाने का दावा पेश करते समय 43 विधायकों के समर्थन वाली चिट्ठी राज्यपाल को सौंपी थी लेकिन सोमवार को हुए बहुमत परीक्षण में उनकी सरकार के समर्थन में 47 वोट पड़े और विपक्ष में 29 वोट पड़े। ईडी द्वारा गिरफ्तार किए गए पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी बहुमत परीक्षण में हिस्सा लिया। उन्होंने अपने भाषण में भाजपा पर हमला किया और यहां तक कहा कि उनकी गिरफ्तारी में राजभवन की भी भूमिका है क्योंकि उनको वहीं से गिरफ्तार किया गया।
बहरहाल, सोमवार को विधानसभा का सत्र शुरू होने पर राज्यपाल का अभिभाषण हुआ और उसके बाद चम्पई सोरेन ने विश्वास मत पेश किया। दिन में करीब दो बजे मतदान हुआ, जिसमें सरकार के पक्ष में 47 तो विपक्ष में 29 वोट पड़े। भाजपा और झारखंड मुक्ति मोर्चा दोनों के एक एक विधायक और एक निर्दलीय गैरहाजिर रहे। निर्दलीय विधायक सरयू राय सदन में थे, लेकिन उन्होंने वोटिंग नहीं की।
मुख्यमंत्री चम्पई सोरेन ने विश्वास मत पर स्पीकर ने चर्चा के लिए एक घंटे 10 मिनट का समय निर्धारित किया था। इस दौरान मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी, कांग्रेस नेता आलमगीर आलम और आजसू के सुदेश महतो ने बात रखी। 23 मिनट के भाषण में हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार और भाजपा पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा- देश में पहली बार किसी मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया गया। लगता है इसमें राजभवन शामिल है। भाजपा और केंद्रीय एजेंसी को चुनौती देते हुए उन्होंने कहा- वे एक भी पेपर दिखा दें कि मैंने साढ़े आठ एकड़ जमीन हड़पी है तो राजनीति से संन्यास क्या, मैं झारखंड छोड़कर चला जाऊंगा।
भाजपा पर हमला करते हुए हेमंत सोरेन ने कहा- इन लोगों को ये अच्छा नहीं लग रहा कि एक आदिवासी सीएम बीएमडब्लु में कैसे चल रहा है। इनका बस चले तो ये हमें फिर से जंगल में भेज देंगे। हमारे पास बैठने से इनके कपड़े गंदे होते हैं। चम्पई सोरेन ने अपने भाषण में कहा कि हेमंत सोरेन की सरकार के काम को आगे बढ़ाना है। अमीर और गरीब के बीच की खाई को कम करना है। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्रीय एजेंसी की भी एक पारदर्शिता होनी चाहिए।