रांची। झारखंड में विधानसभा चुनाव का पहला चरण शांतिपूर्ण तरीके से निपट गया। पहले चरण में 15 जिलों की 43 विधानसभा सीटों पर बुधवार, 13 नवंबर को मतदान हुआ। शाम पांच बजे मतदान समाप्त होने तक 65 फीसदी मतदाताओं ने वोट डाले थे। मतदान का यह आंकड़ा बदल सकता है क्योंकि अनेक मतदान केंद्रों पर पांच बजे के बाद भी लोग कतार में खड़े थे। पहले चरण की 43 सीटों में 2019 के चुनाव में जेएमएम, कांग्रेस और राजद गठबंधन ने 28 और भाजपा ने 13 सीटें जीती थीं। एक सीट निर्दलीय और एक सीट जेवीएम ने जीती थी। अब निर्दलीय जीते विधायक सरयू राय एनडीए में तो जेवीएम से जीते बंधु तिर्की कांग्रेस में हैं।
बहरहाल, पहले चरण में सबसे ज्यादा 77.32 फीसदी मतदान खरसांवा सीट पर हुआ। इसके बाद बहरागोड़ा में 76.15 फीसदी वोट पड़े। राजधानी रांची में सबसे कम 51.50 फीसदी मतदान हुआ। इससे पहले कड़ी सुरक्षा के बीच सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ और शाम पांच बजे समाप्त हो गया। कुछ इलाकों में हिंसा और मारपीट की छिटपुट घटनाओं के अलावा चुनाव आमतौर पर शांतिपूर्ण रहा। राज्य में सत्तारूढ़ जेएमएम ने कई जगह धांधली की शिकायत की तो भाजपा ने भी जेएमएम की सरकार की शिकायत चुनाव आयोग से की। 81 सदस्यों की झारखंड विधानसभा की बची हुई 38 सीटों पर 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे और नतीजे 23 नवंबर को आएंगे।
पहले चरण की 43 सीटों में एक पूर्व मुख्यमंत्री और तीन चार पूर्व मुख्यमंत्रियों के परिजनों की किस्मत ईवीएम में बंद हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री चम्पई सोरेन की सीट सरायकेला पर बुधवार को वोट डाला गया। उनके बेटे रामदास सोरेन की घाटशिला सीट पर भी मतदान हुआ। इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा, मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा और रघुबर दास की बहू पूर्णिमा दास साहू की किस्मत भी ईवीएम में बंद हो गई है। ये सभी लोग भाजपा के उम्मीदवार हैं। कांग्रेस विधायक दल के नेता रामेश्वर उरांव, राज्य सरकार के मंत्री मिथिलेश ठाकुर और जेएमएम की राज्यसभा सांसद महुआ मांझी की किस्मत का फैसला भी मतदाताओं ने कर दिया है।
बहरहाल, मतदान के दौरान बिना बताए गायब रहने पर गुमला के पुलिस ऑब्जर्बर किशन सहाय मीणा को चुनाव आयोग ने निलंबित कर दिया है। इस बार के चुनाव की एक खास बात ये रही कि इस बार रांची जिले के तमाड़ के आरहंगा में आजादी के बाद पहली बार पोलिंग बूथ बना। वहां लोगों ने पहली बार वोट किया। इस बीच मतदान के एक रात पहले मईंया सम्मान योजना का पैसा महिलाओं के खाते में भेजने की शिकायत भाजपा ने चुनाव आयोग से की है। पार्टी ने पूछा है कि मईंया सम्मान योजना के तहत दी जाने वाली राशि चुनाव के एक दिन पहले किसके आदेश पर दी गई? भाजपा ने चुनाव आयोग को बताया कि हर महीने के छह या सात तारीख को मईंया सम्मान योजना का पैसा खाते में जाता था, लेकिन इस बार चुनाव के ठीक एक रात पहले भेजा गया, जो सही नहीं है।