रांची। आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस को चुनौती दी है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस साबित करे कि वह लोकतंत्र और संविधान के साथ है या प्रधानमंत्री मोदी के साथ है। दिल्ली सरकार के अधिकारियों की नियुक्ति और तबादले का अधिकार दिल्ली की चुनी हुई सरकार के छीन कर अपने हाथ में लेने के लिए केंद्र सरकार की ओर से लाए गए अध्यादेश के खिलाफ केजरीवाल ने कांग्रेस का समर्थन मांगा है। साथ ही यह भी कहा है कि अगर कांग्रेस साथ नहीं देती है तो इसका मतलब है कि वह भाजपा के साथ है।
इस मसले पर देश भर की पार्टियों का समर्थन जुटाने के लिए भागदौड़ कर रहे केजरीवाल ने शुक्रवार को रांची में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की और उनका समर्थन मांगा। हेमंत सोरेन से मिलने के बाद केजरीवाल ने कहा- हमने कांग्रेस से समय मांगा है। हमको उम्मीद है वह समय जरूर देंगे और संसद में इस अध्यादेश को गिराने में मदद भी करेंगे। मैं सोच नहीं सकता कि कोई भी पार्टी इस अध्यादेश के पक्ष में कैसे वोट कर सकती है?
केजरीवाल ने कहा- जैसे कि मैंने कहा यह मेरी लड़ाई नहीं है, पूरा देश देख रहा है पूरा देश देखेगा। कांग्रेस को यह तय करना है कि वह जनतंत्र, संविधान और देश के 140 करोड़ों लोगों के साथ है या मोदी जी के साथ। इससे पहले झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से उनके आवास पर केजरीवाल ने मुलाकात की। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, राज्यसभा सांसद संजय सिंह व राघव चड्ढा और दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी उनके साथ थीं। हेमंत सोरेन से मिलने के बाद केजरीवाल ने कहा- दिल्ली के लोगों को आज झारखंड के लोगों का समर्थन मिला है।