diwali 2024: दिवाली का त्योहार पूरे देश में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है, और दिवाली की रात हर तरफ जगमगाहट और रौनक देखने को मिलती है। आप छोटी दिवाली और बड़ी दिवाली के बारे में तो जानते ही होंगे, लेकिन क्या आपने कभी बूढ़ी दिवाली के बारे में सुना है? इसे इगास पर्व के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व हिमाचल प्रदेश में मनाया जाता है, और इसकी खास बात यह है कि इसे मुख्य दिवाली से एक महीने बाद सेलिब्रेट किया जाता है।
हिमाचल की यह खूबसूरत जगह, जहां बूढ़ी दिवाली मनाई जाती है, अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी मशहूर है। यहां की दिवाली का अनुभव आपकी जिंदगी में एक यादगार पल बन सकता है, क्योंकि आप अपनी दिवाली अपने घर पर भी मना सकते हैं और यहां की अनोखी दिवाली का मजा भी ले सकते हैं। एक बार यहां जाने के बाद, बार-बार यहां लौटने का मन करेगा। अगर आप इस खास पर्व को देखने हिमाचल जाते हैं, तो वहां की खूबसूरत वादियों और सांस्कृतिक रंगों का लुत्फ उठाना न भूलें।
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हिमाचल के कुल्लू में मनाते हैं बूढ़ी दिवाली
पहाड़ी राज्य हिमाचल की खूबसूरती, यहां की संस्कृति और शांति भरा वातावरण पर्यटकों को खासा आकर्षित करता है, तो वहीं यहां का शहर कुल्लू लोगों के बीच एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। यहां पर आप आकर आप बूढ़ी दिवाली के फेस्टिवल को एंजॉय कर सकते हैं।
कुल्लू में घूमने की जगहें
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में आप पहाड़ों की खूबसूरती तो निहार ही सकते हैं और यहां पर शांति-सुकून से वक्त बिता सकते हैं, जिसेस आपका सारा स्ट्रेस दूर हो जाएगा. इसके अलावा कुल्लू में श्री हनोगी मंदिर जा सकते हैं. ये मंदिर ब्यास नदी के किनारे पर बना हुआ है और यहां के दृश्य भी मनोरम होते हैं. इसके अलावा कुल्लू में आप गुरुद्वारा मणिकर्ण साहिब, रघुनाथ टेम्पल, बिजली महादेव मंदिर, कैसरघर, भृगु झील, खीर गंगा जैसी खूबसूरत जगहों को भी एक्सप्लोर कर सकते हैं. (diwali 2024)
बूढ़ी दिवाली क्यों होती है खास
दरअसल हिमाचल में मनाई जाने वाली बूढ़ी दिवाली में दीपक जलाने के साथ ही हाथों में जलती हुई मशाल लेकर उत्सव मनाया जाता है. इस दिन लोक गीत गाए जाते हैं और पारंपरिक नृत्य किया जाता है. इसके अलावा भी यहां पर कई प्रोग्राम आयोजित होते हैं, जिन्हें देखना आपके लिए एक बढ़िया एक्सपीरियंस रहेगा.