चंडीगढ़। लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को बदल दिया है। मंगलवार को उन्होंने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से मिल कर इस्तीफा सौंपा और उसके बाद शाम में कुरुक्षेत्र के सांसद नायब सिंह सैनी को नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई। गौरतलब है कि एक दिन पहले सोमवार को हरियाणा में द्वारका एक्सप्रेस वे के उद्घाटन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री खट्टर की जम कर तारीफ की थी और उनको अपना दोस्त बताया था। उसके 24 घंटे में खट्टर की विदाई हो गई।
खट्टर के इस्तीफे के बाद कुरुक्षेत्र से भाजपा सांसद नायब सिंह सैनी हरियाणा के 11वें मुख्यमंत्री बनाए गए। उन्होंने मंगलवार की शाम चंडीगढ़ स्थित राजभवन में शपथ ली। शपथ से पहले उन्होंने मंच पर पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के पैर छुए। सैनी के साथ पांच मंत्रियों को शपथ दिलाई गई। शपथ लेने वालों में कंवर पाल, मूलचंद शर्मा, रणजीत सिंह चौटाला, जयप्रकाश दलाल और डॉ. बनवारी लाल शामिल हैं। ये पांचों नेता मनोहर लाल खट्टर की सरकार में भी कैबिनेट मंत्री थे।
हरियाणा के नए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी मनोहर लाल के करीबी हैं और पिछले साल 27 अक्टूबर को ही मनोहर लाल के प्रस्ताव पर उन्हें हरियाणा भाजपा का अध्यक्ष बनाया गया था। सैनी पिछड़ी जाति से आते हैं। उनके मुख्यमंत्री बनने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित भाजपा नेताओं ने बधाई दी। इससे पहले मंगलवार सुबह दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी से भाजपा का गठबंधन टूट गया, जिसके बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया था।
मनोहर लाल के इस्तीफे के बाद चंडीगढ़ के हरियाणा निवास में विधायक दल की बैठक हुई, जिसमें सैनी को नेता चुना गया। इसके बाद 54 साल के नायब सिंह सैनी ने राजभवन जाकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। बाद में शाम में राज्यपाल ने उनको और पांच मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। भाजपा से गठबंधन टूटने के बाद जननायक जनता पार्टी ने भी दिल्ली में अपने विधायकों की बैठक बुलाई। हालांकि पार्टी के 10 में से पांच विधायक इस बैठक में नहीं पहुंचे। ये सभी भाजपा के संपर्क में बताए जा रहे हैं।
इस बीच दुष्यंत चौटाला ने बुधवार को हिसार में रैली का ऐलान किया। वे अपनी पार्टी की रैली में आगे की रणनीति का ऐलान करेंगे। बताया जा रहा है कि जननायक जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव में दो सीटों की मांग रखी थी, जबकि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व और राज्य संगठन सभी 10 सीटों पर खुद लड़ना चाहते थे। गठबंधन टूटने से एक दिन पहले सोमवार को पार्टी के महासचिव और राज्य के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिले थे, लेकिन सीट शेयरिंग पर बात नहीं बनी। चौटाला की पार्टी के अलग होने के बाद भी 41 सदस्यों वाली भाजपा के पास सात निर्दलीय और अन्य विधायक के साथ हरियाणा विधानसभा में बहुमत है।