चंडीगढ़। हरियाणा में विधानसभा की सभी 90 सीटों के लिए प्रचार समाप्त हो गया। गुरुवार, तीन अक्टूबर की शाम छह बजे प्रचार कार्य समाप्त हुआ। इसके बाद मतदान से 36 घंटे पहले तक पार्टियों के उम्मीदवार और उनके समर्थक घर घर जाकर मतदाताओं से संपर्क करेंगे। पांच अक्टूबर को एक साथ सभी सीटों पर मतदान होगा। एक तरफ सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी हरियाणा में लगातार तीसरी बार जीत कर हैट्रिक बनाने के लिए चुनाव मैदान में उतरी है तो दो चुनाव से हार रही कांग्रेस को सत्ता में वापसी की उम्मीद है। इनके अलावा आम आदमी पार्टी और कुछ क्षेत्रीय पार्टियों ने चुनाव को दिलचस्प बना दिया है।
पिछली बार 10 सीट जीत कर सबको चौंकाने वाली जननायक जनता पार्टी इस बार आजाद समाज पार्टी के साथ तालमेल करके लड़ रही है तो कई बरसों तक सत्ता में रही इंडियन नेशनल लोकदल ने बहुजन समाज पार्टी के साथ तालमेल करके चुनाव लड़ा। इन दोनों गठबंधनों के नेताओं ने चुनाव प्रचार में पूरा जोर लगाया। बसपा प्रमुख मायावती ने भी कई रैलियां कीं।
चुनाव आयोग के मुताबिक राज्य में पंजीकृत मतदाताओं की संख्या दो करोड़ से थोड़ी अधिक है, जो इस बार चुनाव लड़ रहे 1,031 प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला करेंगे। हरियाणा में चुनाव के लिए 20,629 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं। चुनाव में कुल 1,031 प्रत्याशी मैदान में हैं, जिनमें से सिर्फ 101 महिलाएं हैं। यानी 10 फीसदी से भी कम महिला उम्मीदवार चुनाव लड़ रही हैं, जिनमें सबसे प्रमुख चेहरा ओलंपियन पहलवान विनेश फोगाट का है, जो जुलाना सीट से लड़ रही हैं। उनके अलावा लाडवा सीट से मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, गढ़ी सांपला किलोई सीट से नेता विपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा और ऐलनाबाद सीट से अभय सिंह चौटाला चुनाव लड़ रहे हैं।
पिछले चुनाव में यानी 2019 में भाजपा 40 सीटें जीती थीं जबकि कांग्रेस दूसरे स्थान पर रही थी। उसे 31 सीटें मिली थीं। ऐन चुनाव से पहले भाजपा ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को हटा कर नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाया और एंटी इन्कम्बैंसी कम करने का प्रयास किया। भाजपा की ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रचार की कमान संभाली। उन्होंने हरियाणा में चार जनसभा की। प्रधानमंत्री मोदी ने 10 साल पहले के कांग्रेस राज पर हमला करके वोट मांगा तो कांग्रेस ने भाजपा सरकार के 10 साल के कामकाज की कमियां बता कर वोट मांगा। कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी ने भाजपा सरकार को कारोबारियों की सरकार बताते हुए हमला किया। राहुल गांधी ने प्रचार बंद से होने पहले आखिरी दिन भी एक रैली को संबोधित किया। इससे पहले उन्होंने दो दिन की यात्रा भी की थी।