चंडीगढ़। हरियाणा में विपक्षी पार्टियों ने राज्य की भारतीय जनता पार्टी सरकार पर दबाव बना दिया है। विपक्षी पार्टियों की ओर से राज्यपाल को चिट्ठी लिख कर दावा किया गया है कि सरकार अल्पमत में आ गई है। हालांकि दूसरी ओर भाजपा का कहना है कि उसके पास बहुमत है। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने दावा किया है कि जननायक जनता पार्टी के 10 में से छह विधायक भाजपा के साथ हैं। गौरतलब है कि पिछले दिनों तीन निर्दलीय विधायकों ने राज्य की नायब सिंह सैनी सरकार से समर्थन वापस ले लिया और उससे पहले 10 विधायकों वाली जजपा सरकार से अलग हो चुकी है।
बहरहाल, कांग्रेस विधायक और विधानसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक भारत भूषण बतरा ने बताया कि विपक्षी दलों के 45 विधायकों की चिट्ठी राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय तक पहुंच चुकी है। गवर्नर को भेजे गए लेटर में दावा किया गया है कि कांग्रेस के 30, जननायक जनता पार्टी के 10, निर्दलीय चार और इंडियन नेशनल लोकदल के एक विधायक फ्लोर टेस्ट की मांग कर चुके हैं। 90 सीटों वाली हरियाणा विधानसभा में अभी 88 विधायक हैं और बहुमत का आंकड़ा 45 है।
दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कांग्रेस के दावे को खारिज किया है। उन्होंने कहा है- जजपा के 10 में से छह विधायक हमारे साथ हैं। मेरी जजपा के तीन बागी विधायकों के साथ मीटिंग भी हो चुकी है। वह लगातार फोन पर संपर्क में बने हुए हैं। गौरतलब है कि जजपा के 10 विधायकों का विपक्ष को समर्थन का दावा दुष्यंत चौटाला ने राज्यपाल को चिट्टी लिख कर किया है, जबकि उनकी पार्टी के चार विधायक खुले तौर पर बगावत कर चुके हैं।
बहरहाल, तीन निर्दलीय विधायकों के कांग्रेस के समर्थन में ऐलान के बाद हरियाणा विधानसभा में भाजपा के 40 विधायक बचे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर अपनी विधायकी से इस्तीफा दे चुके हैं। उनकी खाली हुई सीट पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी चुनाव लड़ रहे हैं। एक तरफ सरकार के पास भाजपा के 40 विधायकों सहित 43 का समर्थन है तो दूसरी ओर विपक्ष 45 विधायक साथ होने का दावा कर रहा है।