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कोर्ट में पेशी के दौरान केजरीवाल की बिगड़ी तबीयत

नई दिल्ली। सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद कोर्ट में पेशी के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की तबीयत बिगड़ गई। उन्होंने इस बारे में अपने साथ मौजूद पुलिसकर्मियों को जानकारी दी कि उन्हें कमजोरी महसूस हो रही है, जिसके बाद उन्हें एक कमरे में ले जाया गया, जहां उन्हें चाय और बिस्कुट दी गई। इससे पहले भी केजरीवाल अपनी खराब तबीयत का हवाला देकर कानूनी राहत की मांग कर चुके हैं। बीते दिनों जमानत पर बाहर आए केजरीवाल ने अपने एक संबोधन में कहा था कि वो कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं, जिस पर बीजेपी नेता वीरेंद्र सचदेवा (Virendra Sachdeva) ने कहा था कि केजरीवाल बहाना बना रहे हैं।

अगर उन्हें सच में किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं हैं, तो मेरे पास आएं, मैं खुद उन्हें अस्पताल ले जाऊंगा, और उनका सभी मेडिकल टेस्ट (Medical Test) कराऊंगा। बुधवार सुबह सीबीआई ने उन्हें तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया, जिसके बाद राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की राजनीति में हलचल तेज हो गई। उनकी गिरफ्तारी को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) ने बीजेपी पर निशाना साधा। बीजेपी ने कहा कि सीबीआई अपना काम कर रही है। सीबीआई ने यह कार्रवाई कांग्रेस की शिकायत पर की है। दरअसल, 2022 में कांग्रेस ने केजरीवाल के खिलाफ सीबीआई में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसे देखते हुए अब मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया गया है।

अब सीबीआई (CBI) केजरीवाल की न्यायिक हिरासत की मांग कर रही है। पहले से ही ईडी (ED) की हिरासत में रह रहे केजरीवाल अगर सीबीआई की हिरासत में भी जाते हैं, तो निसंदेह यह उनके लिए दोहरा झटका होगा। तिहाड़ जेल (Tihar Jail) से गिरफ्तार किए जाने के बाद सीबीआई ने केजरीवाल को राउज एवेन्यू की अमिताभ रावत की कोर्ट में पेश किया। केजरीवाल की गिरफ्तारी का मुख्य कारण यह है कि जिस कैबिनेट ने शराब नीति को मंजूरी दी थी, केजरीवाल उसका हिस्सा थे। जांच एजेंसी का आरोप है कि रिश्वत लेने के बाद हितधारकों के मुताबिक शराब नीति (Alcohol Policy) में संशोधन किए गए, जिसमें केजरीवाल की अहम भूमिका रही।

थोक विक्रेताओं के लाभ को 5 फीसद से बढ़ाकर 12 फीसद कर दिया गया। वहीं केजरीवाल (Kejriwal) के वकील विक्रम चौधरी सीबीआई के इस कदम का विरोध किया है। केजरीवाल के वकील का कहना है कि पहले से किसी एक मामले में न्यायिक हिरासत (Judicial Custody) में रह रहे मेरे मुवक्किल को दोबारा से गिरफ्तार करना अनुचित है। यह अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है। मुझे मीडिया के माध्यम से मेरे मुवक्किल की गिरफ्तारी के बारे में जानकारी मिली है। हम मांग करते हैं कि सीबीआई की ओर से दाखिल की गई रिमांड कॉपी हमें भी सौंपी जाए।

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By NI Desk

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