नई दिल्ली। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल चुनाव हार गए हैं। वे अपनी पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद के दावेदार के तौर पर चुनाव लड़ रहे थे। उनको नई दिल्ली सीट पर भाजपा के परवेश वर्मा ने चुनाव कराया। केजरीवाल दिसंबर 2013 में इस सीट पर तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को हरा कर विधायक बने थे और लगातार तीन चुनाव से जीत रहे थे। परवेश वर्मा ने उनको चार हजार वोट के अंतर से हराया।
केजरीवाल सरकार में उप मुख्यमंत्री रहे आम आदमी पार्टी के नंबर दो नेता मनीष सिसोदिया सीट बदलने के बावजूद चुनाव नहीं जीत पाए। वे तीन बार से जीती अपनी पटपड़गंज सीट छोड़ कर जंगपुरा से चुनाव लड़े थे लेकिन भाजपा के तरविंदर सिंह मारवाह ने उनको 675 वोट के मामूली अंतर से हरा दिया। सिसोदिया की पुरानी सीट पटपड़गंज से चुनाव लड़े चर्चित शिक्षक और सोशल मीडिया इन्फलूएंसर अवध ओझा 28 हजार के बड़े अंतर से चुनाव हारे। उनको भाजपा के रविंद्र नेगी ने हराया।
केजरीवाल और सिसोदिया की तरह तिहाड़ जेल की यात्रा करने वाले पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन भी चुनाव हार गए। शकूरबस्ती सीट पर भाजपा के करनैल सिंह ने उनको करीब 21 हजार वोट से हराया। पहले चुनाव से लगातार जीत रहे सोमनाथ भारती को भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने मालवीय नगर सीट पर हराया। सोमनाथ भारती 21 सौ वोट के अंतर से चुनाव हारे।
आम आदमी पार्टी सरकार के वरिष्ठ नेता और मंत्री सौरभ भारद्वाज ग्रेटर कैलाश सीट पर चुनाव हार गए। उनको भाजपा की शिखा रॉय ने करीब 32 सौ वोट से हराया। पार्टी के रणनीतिकार माने जाने वाले दुर्गेश पाठक राजेंद्र नगर सीट पर 12 सौ वोट से अंतर से चुनाव हारे। इस सीट से राघव चड्ढा पहले विधायक थे। उनके राज्यसभा सांसद बनने के बाद दुर्गेश पाठक इस सीट से चुनाव लड़े थे। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में मुख्यमंत्री आतिशी कालकाजी से और गोपाल राय बाबरपुर सीट से चुनाव जीते। अमानतुल्ला खान भी ओखला सीट बचाने में कामयाब रहे।