नई दिल्ली। एक अभूतपूर्व घटनाक्रम में दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी का सरकारी आवास सील कर दिया गया है। इतना ही नहीं उनका सामान निकाल कर घर से बाहर रख दिया गया। दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग यानी पीडब्लुडी ने एक तकनीकी कारण को आधार बना कर मुख्यमंत्री का सामान घर से निकाल दिया और उसके बाद बंगला सील कर दिया। पांच दिन पहले ही अरविंद केजरीवाल ने यह बंगला खाली किया था और उसके बाद आतिशी इस बंगले में शिफ्ट हुई थीं। साज सज्जा पर 50 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए जाने को लेकर यह बंगला काफी समय से विवाद में था।
बहरहाल, बताया जा रहा है कि पीडब्लुडी के अधिकारी बुधवार सुबह साढ़े 11 बजे के करीब सीएम आवास यानी छह, फ्लैग स्टाफ रोड पहुंचे थे। उनका कहना था कि, घर का हैंडओवर करने में नियमों का पालन नहीं किया गया था। आतिशी के पास इस घर की चाबियां थीं, लेकिन उन्हें घर अलॉट किए जाने के आधिकारिक दस्तावेज नहीं दिए गए थे। इस तकनीकी आधार पर अधिकारियों ने घर की चाबियां ले लीं। सीएम का सामान घर से निकाल दिया और बंगला सील कर दिया।
इसके बाद मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से एक बयान जारी किया गया, जिसमें कहा गया- इतिहास में पहली बार किसी मुख्यमंत्री को उसका घर खाली करने को कहा गया है। उप राज्यपाल यानी एलजी ने भाजपा के कहने पर जबरदस्ती मुख्यमंत्री आतिशी का सामान घर से बाहर निकाला। ये सीएम आवास किसी बड़े भाजपा नेता को दिए जाने की तैयारी की जा रही है। भाजपा 27 साल से दिल्ली में सरकार से बाहर है, अब वह सीएम आवास हथियाना चाहती है।
दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया है कि केजरीवाल के शीशमहल में कई राज छिपे हैं। दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा- अरविंद केजरीवाल का शीश महल आखिरकार सील कर दिया गया है… उस बंगले में ऐसे कौन से राज छुपे हैं कि संबंधित विभाग को चाबी सौंपे बिना, आप फिर से बंगले में घुसने की कोशिश कर रहे थे? उन्होंने कहा- आपने दो छोटे ट्रकों में अपना सामान ले जाकर अच्छा ड्रामा किया। सब जानते हैं कि बंगला अभी भी आपके कब्जे में है। आपने जिस तरह से बंगला आतिशी को सौंपने की कोशिश की, वह असंवैधानिक था। आतिशी को पहले ही एक बंगला आवंटित किया जा चुका है, फिर वह आपका बंगला कैसे ले सकती हैं? उस बंगले में बहुत सारे राज छिपे हुए हैं।
इस बीच निगरानी विभाग के निदेशक की ओर से केजरीवाल के विशेष सचिव सहित तीन अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है। दो अन्य अधिकारी वे हैं जो केजरीवाल के मुख्यमंत्री रहते समय मुख्यमंत्री के कैंप ऑफिस में तैनात थे। उनसे पूछा गया है कि साफ निर्देश दिए जाने के बाद भी उन्होंने सीएम आवास की चाबियां पीडब्लुडी को क्यों नहीं सौंपीं। इन अधिकारियों को सात दिन के अंदर जवाब दाखिल करने को कहा गया है।