नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है। सर्वोच्च अदालत ने अंतरिम जमानत की अवधि एक हफ्ता बढ़ाने की उनकी याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है। केजरीवाल की याचिका मंगलवार को अदालत के सामने आई थी, जिसमें उन्होंने एक जून तक मिली अंतरिम जमानत को मेडिकल ग्राउंड पर सात दिन बढ़ाने की मांग की थी। जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस केवी विश्वनाथन की अवकाशकालीन बेंच ने कहा कि अंतरिम जमानत बढ़ाने का फैसला चीफ जस्टिस करेंगे, क्योंकि उनकी ओर से दायर मुख्य याचिका पर फैसला सुरक्षित है।
केजरीवाल की तरफ से वकील अभिषेक सिंघवी ने दलीलें रखीं। उन्होंने कहा कि वे जमानत की अवधि चिकित्सा जरुरत के आधार पर बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। गौरतलब है कि केजरीवाल को ईडी ने दिल्ली की शराब नीति में हुए कथित घोटाले से जुड़े धन शोधन के मामले में 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। 50 दिन जेल में रहने के बाद उन्हें 10 मई को अंतरिम जमानत मिली थी। सर्वोच्च अदालत ने चुनाव प्रचार के लिए उनको जमानत दी थी। उनकी 21 दिन की अंतरिम जमानत की अवधि एक जून को खत्म हो रही है। इसके बाद उन्होंने दो जून को फिर से जेल जाना होग।
इस बीच दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत ने 28 मई को केजरीवाल के खिलाफ ईडी के पूरक आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के अपने आदेश चार जून तक सुरक्षित रख लिया है। इससे पहले ईडी ने 17 मई को राउज एवेन्यू कोर्ट में 18वां पूरक आरोपपत्र दाखिल किया था, जिसमें केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को आरोपी बनाया था। यह पहली बार है, जब भ्रष्टाचार के मामले में किसी पार्टी को आरोपी बनाया गया है।
बहरहाल, मंगलवार को सुनवाई में केजरीवाल के वकील सिंघवी ने कहा- हमें सिर्फ सात दिन का एक्सटेंशन चाहिए। जमानत बढ़ाने की मांग मेडिकल आधार पर की जा रही है, यह छूट का दुरुपयोग नहीं है। इस पर अदालत ने पूछा- पिछले हफ्ते जब मेन बेंच के जज जस्टिस दीपांकर दत्ता मौजूद थे तो केजरीवाल की याचिका को सूचीबद्ध क्यों नहीं किया गया? इसके जवाब में सिंघवी ने कहा- डॉक्टर का प्रिस्क्रिप्शन रविवार को दिया गया था, इसलिए पिछले हफ्ते एप्लिकेशन दाखिल नहीं कर पाए।
इससे पहले आम आदमी पार्टी ने सोमवार को दलील दी थी कि गिरफ्तारी के बाद केजरीवाल का वजन सात किलो कम हो गया है और उनका कीटोन लेवल हाई है, जो किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है। आप ने यह भी कहा था कि डॉक्टरों ने केजरीवाल को पेट-सीटी स्कैन और कुछ दूसरे मेडिकल टेस्ट कराने की सलाह दी थी, जिसके कारण उन्होंने अपनी अंतरिम जमानत बढ़ाने की मांग की है। केजरीवाल की ओर से कहा गया है कि एक जून तक प्रचार और चुनाव से जुड़े काम की वजह से उनको बिल्कुल फुरसत नहीं है। इसलिए वे उसके बाद एक हफ्ते की मांग कर रहे हैं।