नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण की वजह से लागू पाबंदियां कम होंगी। सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को प्रदूषण को लेकर सुनवाई हुई, जिसमें अदालत दिल्ली में ग्रेडड रिस्पांस एक्शन प्लान यानी ग्रैप की पाबंदियों में ढील देने को राजी हो गया है। हालांकि अदालत ने यह भी कहा कि पाबंदियां ग्रैप के दूसरे चरण से नीचे नहीं जानी चाहिए। इससे पहले दिल्ली में ग्रैप के चौथे चरण की पाबंदियां लागू थीं लेकिन अब दूसरे और तीसरे चरण की पाबंदियां लागू होंगी। अदालत ने 90 हजार मजदूरों को आठ हजार रुपए देने का भी आदेश दिया।
इससे पहले अदालत में कमेटी फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट यानी सीएक्यूएम ने बताया कि दिल्ली की हवा में प्रदूषण कम हुआ है। इसलिए अब ग्रैप की पाबंदियां कम करने की जरूरत है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि आगे और निगरानी की जरूरत है। इसके बाद उसने सीएक्यूएम को ग्रैप दो तक की पाबंदी लागू करने की इजाजत दे दी। अदालत ने यह भी कहा कि बेहतर होगा कि कमीशन ग्रैप तीन की भी कुछ जरूरी पाबंदियों को लगाए रखें।
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सीएक्यूएम को यह भी कहा अगर कभी भी एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी एक्यूआई साढ़े तीन सौ के पार जाता है तो तुरंत ग्रैप तीन की पाबंदियां लगाई जाएं। इसी तरह एक्यूआई चार सौ के पार जाने पर ग्रैप चार की पाबंदियां फिर से लगाई जाएंगी। सुनवाई के दौरान पहले सुप्रीम कोर्ट ने ग्रैप के चौथे चरण की पाबंदियां लागू रहने के दौरान मजदूरों को दिए गए हर्जाने को लेकर चार राज्यों से जानकारी ली। दिल्ली सरकार की तरफ से बताया गया कि उसने 90 हजार मजदूरों को दो दो हजार का भुगतान किया है। इस पर कोर्ट ने कहा कि मजदूर आठ हजार रुपए के हकदार हैं। इसके बाद अदालत ने बचे हुए रुपए मजदूरों को देने के आदेश दिए।