नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने गुरुवार को किसानों की स्थिति को लेकर दिल्ली की मुख्यमंत्री Atishi Marlena को चिट्ठी लिखी। जिस पर अब मुख्यमंत्री आतिशी ने जवाब दिया है। आतिशी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का किसानों के बारे में बात करना वैसे ही है, जैसे दाऊद इब्राहिम अहिंसा पर प्रवचन दे रहा हो। मुख्यमंत्री आतिशी ने आगे कहा कि जितना बुरा हाल किसानों का भाजपा के समय में हुआ, उतना कभी नहीं हुआ। पंजाब में किसान आमरण अनशन पर बैठे हैं, पीएम मोदी से कहिए उनसे बात करें, किसानों पर राजनीति करना बंद करो।
भाजपा राज में किसानों पर गोलियां, लाठियां चलाई गई। इससे पहले सीएम आतिशी (Atishi Marlena) को लिखे पत्र में शिवराज सिंह ने किसानों के मुद्दे को लेकर दिल्ली सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि ‘आप’ सरकार ने दिल्ली में किसानों के हित में कभी उचित निर्णय नहीं लिए। केंद्र सरकार की किसान हितैषी योजनाओं को भी आप की सरकार द्वारा दिल्ली में लागू करने से रोका गया है। दिल्ली की आप सरकार में किसानों के लिए कोई संवेदना नहीं है। आज दिल्ली के किसान भाई-बहन परेशान और चिंतित है। दिल्ली सरकार द्वारा केंद्र की अनेक किसान कल्याणकारी योजनाओं को लागू नहीं किए जाने से किसान भाई-बहन इन योजनाओं के लाभ से वंचित हो रहे हैं।
Also Read : सपाट खुला भारतीय शेयर बाजार, निफ्टी 23,700 स्तर से ऊपर
मैंने पूर्व में भी आपको पत्र लिखकर दिल्ली के किसानों की समस्याओं से अवगत कराया था लेकिन यह चिंता का विषय है कि आपकी सरकार ने इन समस्याओं का कोई निराकरण नहीं किया है। उन्होंने आगे कहा कि विगत 10 वर्षों से दिल्ली में आप की सरकार है लेकिन सदैव यह प्रतीत हुआ है कि पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने किसान भाई बहनो के साथ सिर्फ धोखा किया है और चुनावों से पहले बड़ी बड़ी घोषणाएं कर उनका राजनीतिक लाभ लिया है। केजरीवाल ने सरकार में आते ही हमेशा जनहितैषी निर्णयों को लेने के स्थान पर अपना रोना रोया है।
आपकी सरकार के गैर जिम्मेदाराना रवैये के कारण केंद्र सरकार के एकीकृत बागवानी विकास मिशन को लागू नहीं किया गया है। मिशन के लागू न होने से किसान भाई-बहन नर्सरी और टिशू कल्चर की स्थापना, रोपण सामग्री की आपूर्ति, फसल उपरांत प्रबंधन के इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण, नए बाग, पाली हाउस एवं कोल्ड चैन की सब्सिडी सहित अनेक योजनाओं के लाभ नहीं ले पा रहे हैं।