नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ में हुए कथित शराब घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश से ईडी को बड़ा झटका लगा है। सर्वोच्च अदालत ने सोमवार को इस केस से जुड़े धन शोधन के मामले को रद्द कर दिया है। इसके साथ ही रिटायर आईएएस अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश टुटेजा सहित छह आरोपियों को बड़ी राहत दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, ईसीआईआर और एफआईआर देखने से पता चलता है कि कोई विधेय अपराध यानी प्रेडिकेट ऑफेंस नहीं हुआ है। जब कोई आपराधिक धनराशि ही नहीं है, तो धन शोधन का मामला ही नहीं बनता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, ईडी की शिकायत आयकर कानून के अपराध पर आधारित थी।
जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुईयां की खंडपीठ ने शुक्रवार को रिटायर आईएएस अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश टुटेजा सहित अन्य छह आरोपियों की याचिका पर सुनवाई की थी। इसके बाद अगली सुनवाई आठ अप्रैल यानी सोमवार को हुई, जिसके बाद खंडपीठ ने फैसला सुनाया है। सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल एसवी राजू से जस्टिस अभय एस ओका ने कहा था कि अगर कोई अपराध नहीं है, अपराध से कोई आय नहीं है। तो ये धन शोधन नहीं हो सकता है।
अदालत ने उसी दिन कहा था कि शिकायत पर विचार नहीं किया जा सकता, क्योंकि कोई विधेय अपराध नहीं है। गौरतलब है कि अनिल टुटेजा और यश टुटेजा की गिरफ्तारी पर करीब 11 महीने पहले सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी। याचिकाकर्ताओं ने ईडी की कार्रवाई को गलत बताया था। कहा था कि, जिस धन शोधन मामले में कार्रवाई करना चाह रही है, उसमें कोई ठोस आधार नहीं है।