पटना। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने बिहार में ट्रांसफर और पोस्टिंग के मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी सरकार पर फिर हमला बोला। तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि बिहार में ट्रांसफर और पोस्टिंग का खेल खुलेआम चल रहा है और इस प्रक्रिया में मुख्यमंत्री के करीबी लोगों की प्रमुख भूमिका है। उन्होंने कहा कि बिहार के डीजीपी के पास कोई वास्तविक पावर नहीं है और उनके रिकमेंडेशन को नजरअंदाज किया जा रहा है। तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि राज्य में अच्छा काम करने वाले अधिकारियों को सजा मिल रही है जबकि मुख्यमंत्री के करीबी लोग पैसे लेकर पोस्टिंग कर रहे हैं।
जदयू के नेताओं ने कहा था कि अगर पैसे लेकर ट्रांसफर-पोस्टिंग (Transfer-Posting) हो रही है तो तेजस्वी यादव उनका नाम बताएं जो पैसे ले रहा है। इसका जवाब देते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि यह सब कोई नई बात नहीं है और ऐसे आरोपों पर बात करना बेकार है। उन्होंने कहा कि सभी को इस भ्रष्टाचार के बारे में पता है और यह स्थिति बदलने की जरूरत है। भाजपा द्वारा पश्चिम बंगाल में बंद बुलाए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने कहा कि भाजपा को यूपी में अपराध की बढ़ती घटनाओं पर भी ध्यान देना चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि यूपी में कब बंद होगा, जहां अपराध का स्तर इतना ऊंचा है।
बिहार में बलात्कार की बढ़ती घटनाओं को लेकर भी तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने भाजपा की आलोचना की और कहा कि सत्ता में बैठी भाजपा केवल नफरत फैलाने का काम कर रही है। उत्तर प्रदेश में रेलवे स्टेशनों के नाम बदलने पर तेजस्वी यादव ने कहा कि नाम बदलने से कोई वास्तविक परिवर्तन नहीं होगा। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या नाम बदलने से दुर्घटनाएं रुक जाएंगी क्या। उनका यह बयान भाजपा (BJP) की नीतियों पर व्यंग्यात्मक हमला था, जिसमें उन्होंने कहा कि भाजपा की प्राथमिकता नफरत फैलाने और दिखावे की राजनीति करने की है। तेजस्वी यादव ने इन मुद्दों पर खुलकर बात करते हुए यह भी कहा कि भाजपा को अपने इतिहास पर ध्यान देना चाहिए और अपनी नीतियों पर फिर से सोचने की जरूरत है।
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