नई दिल्ली। बिहार में एक बड़े घटनाक्रम में पूर्व सांसद पप्पू यादव ने अपनी जन अधिकार पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया। इसके साथ ही वे कांग्रेस का हिस्सा बन गए। गौरतलब है कि पप्पू यादव पूर्णिया और मधेपुरा से पांच बार सांसद रहे हैं। उनकी पत्नी रंजीत रंजन अभी कांग्रेस की राज्यसभा सांसद हैं।
बुधवार को दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस करकेपप्पू यादव की पार्टी के कांग्रेस में विलय की घोषणा की गई। इससे एक दिन पहले रात में पप्पू यादव ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव से मुलाकात की थी। बुधवार को ही बसपा के सांसद दानिश अली भी कांग्रेस में शामिल हुए और झारखंड में भाजपा के विधायक जेपी पटेल ने भी कांग्रेस का दामन थामा।
बहरहाल, बताया जा रहा है कि पप्पू यादव कांग्रेस की टिकट पर पूर्णिया से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं। इस बीच यह भी खबर है कि बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह इस विलय से नाराज हो गए हैं।
वे दिल्ली में हुई प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद नहीं थे। बिहार के कांग्रेस प्रभारी मोहन प्रकाश ने पप्पू यादव की पार्टी का कांग्रेस में विलय कराया। बिहार कांग्रेस विधायक दल के नेता डॉ. शकील अहमद खान इस मौके पर मौजूद थे। पप्पू यादव के साथ उनके बेटे सार्थक रंजन भी कांग्रेस में शामिल हो गए।
इस मौके पर मोहन प्रकाश ने कहा- साझेदारी न्याय से प्रभावित होकर पप्पू यादव ने कांग्रेस में विलय करने का फैसला किया। पप्पू यादव के आने से बिहार में कांग्रेस के साथ घटक दल को भी मजबूती मिलेगी। कांग्रेस में शामिल होने के बाद पप्पू यादव ने कहा- बिहार में क्षेत्रीय पार्टी सत्ता में रही और नहीं भी।
एक संघर्ष की बड़ी लंबी फेहरिस्त है न्याय की और सेवा की। सेवा न्याय और संघर्ष के लिए हमारी पार्टी जानी जाती है। मेरी विचारधारा कांग्रेस की विचारधारा के साथ रही। यह मजबूत ऊर्जा देती रही। हमारी राजनीति सेक्युलर है। हर परिस्थिति में दूसरे के विचारों का सम्मान का हमारा इतिहास रहा है।