पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने सोमवार को जहां रिक्त सरकारी पदों को भरने में मिशन मोड में काम करने का निर्देश वरिष्ठ अधिकारियों को दिया है, वहीं विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने मंगलवार को नौकरियों को लेकर पुरानी महागठबंधन की सरकार को ‘क्रेडिट’ देने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि हमारी सकारात्मक राजनीति का परिणाम हमेशा ही सकारात्मक मिलेगा। राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि हमने 𝟏𝟕 महीनों के अल्प कार्यकाल में 𝟓 लाख से अधिक सरकारी नौकरियां दी।
इसी दौरान तीन लाख सरकारी नौकरियां प्रक्रियाधीन करवाई जो चुनाव आचार संहिता (Election Code Of Conduct) के कारण कुछ महीनों से रुकी थी। महागठबंधन की सरकार जाने से पहले पूर्व निर्धारित तीसरे चरण में एक लाख शिक्षकों की भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने की वजह से वह रद्द हो गयी थी। उन्होंने आगे सरकार से कहा अब लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) पूर्ण हो चुके हैं। पहले से प्रक्रियाधीन तीन लाख नौकरियों के अलावा सरकार हमारी सरकार के निर्णय अनुसार सभी विभागों की बाकी रिक्तियों पर यथाशीघ्र बहाली प्रक्रिया शुरू कर नियुक्तियां कराए। उन्होंने दावा करते हुए एक बयान में कहा कि यही एनडीए और मुख्यमंत्री हैं जो कहते थे कि 10 लाख सरकारी नौकरियां देना असंभव है।
इतनी नौकरियों का पैसा तेजस्वी कहां से लाएगा? जब हमारे साथ सरकार में आकर बैठे तो हमने साइंटिफिक तरीके से मुख्यमंत्री जी सहित वरीय अधिकारियों (जो इनके कार्यकाल में हमेशा संविदा और आउटसोर्सिंग के पक्षधर रहे) को बताया और समझाया कि कैसे 𝟏𝟎 लाख से अधिक सरकारी नौकरियां दी जा सकती हैं। इससे पहले तक वो यह मानने को ही तैयार नहीं होते थे कि बिहार में लाखों पद रिक्त भी हैं। तेजस्वी (Tejashwi) ने आगे कहा कि हमारी सकारात्मक राजनीति का परिणाम हमेशा ही सकारात्मक मिलेगा। जिन लाखों युवक-युवतियों को नौकरियां मिली और मिलेंगी, उन पर हमारी इस पॉजिटिव और प्रोग्रेसिव और मुद्दे आधारित राजनीति का जीवन भर प्रभाव रहेगा।
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