पटना। बिहार में एक के बाद एक पुल गिरने के मामल में राज्य सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। सरकार ने लापरवाही के आरोप में दो अलग अलग विभागों के 15 इंजीनियरों को निलंबित कर दिया। इसमें जल संसाधन विभाग के 11 और ग्रामीण कार्य विभाग के चार इंजीनियर शामिल हैं। इसके साथ ही सरकार ने दो इंजीनियरों से सफाई मांगी है। पिछले दो हफ्ते में बिहार में एक दर्जन पुल और पुलिया टूट कर नदी में गिरे हैं।
इंजीनियरों पर कार्रवाई के बाद ग्रामीण विकास विभाग के सचिव चैतन्य प्रसाद ने बताया कि नौ पुल, पुलिया टूटे हैं। इनमें छह पुराने और तीन निर्माणाधीन थे। जल संसाधन विभाग की ओर से साल 2023 में समाधान यात्रा के दौरान नदी उड़ाही यानी नदी की सफाई की मांग की गई थी। मार्च 2025 तक गंडक नदी में गाद साफ करना था। इस दौरान पुल के नजदीक मिट्टी हटा दी गई। माना जा रहा है कि इस वजह से पुल के पिलर की जड़ कमजोर हो गई और पुल टूट गए।
इन मामलों में जांच शुरू होने के बाद 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट मांगी गई थी। जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि इंजीनियरों ने इसकी निगरानी नहीं की। मातेश्वरी कंस्ट्रक्शन को सफाई का काम दिया गया था। इस कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है और अब आगे की कार्रवाई होगी। यह भी कहा गया है कि अब नए पुल का निर्माण पुल निर्माण निगम से कराया जाएगा।
उधर ग्रामीण कार्य अपर मुख्य सचिव दीपक सिंह ने बताया कि ग्रामीण कार्य विभाग से बन रहे तीन पुल ध्वस्त हुए। उन्हेंने बताया कि विभाग ने छह इंजीनियरों पर कार्रवाई की है। चार निलंबित किए गए, जबकि दो पहले से निलंबित हैं। ठेकेदार को आगे काम नहीं दिया जाएगा और भुगतान पर भी रोक लगा दी गई है। उन्होंने बताया कि डीपीआर बनाने वाली कंसलटेंट को भी आगे काम नहीं दिया जाएगा।