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अन्यायी को हराने के बाद पदक जीतेंगे

पहलवानों को इस बात का दुःख है कि देश के खेल प्रेमी प्रधान मंत्री ने एक बार भी हमारे बारे में दो शब्द नहीं कहे। बस इतना ही कह देते, “बच्चियों के साथ न्याय होना चाहिए।” उनके अनुसार राजनीति कौन कर रहा है पूरा देश जानता है लेकिन आगे बढे हुए कदम पीछे नहीं हटने वाले फिर चाहे कितनी भी बड़ी क़ुरबानी क्यों न देनी पड़ जाए।

‘जो लोग हमारे आंदोलन और सत्य की लड़ाई को कमज़ोर करने की साजिश रच रहे हैं वे एक बात साफ़ साफ़ जान लें कि हम टस से मस नहीं होने वाले फिर चाहे वक्त कितना भी लग जाए और सरकार तमाम हथकंडे अपना ले, हम अडिग हैं और न्याय ले कर रहेंगे, जानी मानी पहलवान और विश्व एवं एशियाई स्तर पर देश के लिए अनेकों पदक जीतने वाली विनेश फोगाट ने जंतर मंतर के धरना स्थल पर एक साक्षात्कार में साथी पहलवानों की एकजुटता के बारे में बताया और कहा कि लड़ाई चाहे कितनी भी लम्बी चले पीछे हटने का सवाल ही पैदा नहीं होता।

पहलवान मानते हैं कि फेडरेशन अध्यक्ष ब्रज भूषण शरण सिंह के विरुद्ध मोर्चा खोलकर उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया। यह नौबत इसलिए आई क्योंकि सरकार और जिम्मेदार लोगों ने समय रहते कोई कार्रवाही नहीं की। यदि पहले ही ब्रजभूषण पर शिकंजा कस दिया जाता तो स्थिति आज जैसी भयावह नहीं होती। उन्हें पता है कि  एशियाई खेल सर पर हैं और उनका कीमती समय बर्बाद हो गया है लेकिन एशियाड में नहीं लड़े तो अगले साल ओलम्पिक में उतरेंगे और देश के लिए पदक जीतेंगे।

इस अवसर पर मौजूद ओलम्पिक पदक विजेता बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक, विनेश और संगीता फोगाट पूनिया ने अपनी एकजुटता को आंदोलन की ताकत बताया और कहा कि जो लोग उन पर राजनीति करने का आरोप लगा रहे हैं , जरा अपनी गिरेबां में झाँक कर देखें और बताएं कि कल उनकी बेटियों के साथ भी कोई दरिंदा ऐसी हरकत करेगा तो तब उन्हें कौन बचाएगा।

बजरंग के अनुसार अनेकों बार महिला खिलाडियों के साथ अन्याय हुआ , आवाज उठी और दबा दी गई। इसलिए क्योंकि किसी ने भी आगे बढ़कर दुराचारियों का सामना नहींकिया। नतीजन अनेकों मामले पुलिस और कोर्ट तक पहंचने के बाद फाइलों में दफ़न होकर रह गए।साक्षी मानती है कि महिला पहलवानों का यह सफाई अभियान अब तक का ऐतिहासिक कदम है। पहले कभी इस प्रकार से किसी फेडरेशन मुखिया का विरोध नहीं हुआ , क्योंकि मामले उठे और दबा दिए गए।

हमने हिम्मत दिखाई और देश के मीडिया और न्याय व्यवस्था ने हमारी पीड़ा को समझा और साथ दिया। यही कारण है कि आज देश का हर समझदार माता पिता और जिम्मेदार नागरिक हमारी लड़ाई को जायज मान रहा है और सपोर्ट कर रहा है। हैरानी वाली बात यह है कि जो नए पुराने पहलवान, कोच,  कुश्ती प्रेमी, खाप पंचायत के जागरूक लोग हमारी पीड़ा को समझ रहे हैं, हमें सहयोग कर रहे हैं और हिम्मत बढ़ा रहे हैं उन्हें रोका जा रहा है और हम पर राजनीति करने के आरोप लगाए जा रहे हैं।

पहलवानों को इस बात का दुःख है कि देश के खेल प्रेमी प्रधान मंत्री ने एक बार भी हमारे बारे में दो शब्द नहीं कहे। बस इतना ही कह देते, “बच्चियों के साथ न्याय होना चाहिए।” उनके अनुसार राजनीति कौन कर रहा है पूरा देश जानता है लेकिन आगे बढे हुए कदम पीछे नहीं हटने वाले फिर चाहे कितनी भी बड़ी क़ुरबानी क्यों न देनी पड़ जाए। बजरंग के अनुसार जो लोग उन्हें चूक गया बता रहे हैं, उन्हें करारा जवाब दे कर रहेंगे। फिलहाल एक मोर्चा फतह कर लें, क्योंकि देश की बहन बेटियों की इज़्ज़त को बचाना है और भारतीय खेलों को गन्दगी मुक्त करना है। इस लड़ाई को जीतने के बाद पदक जीतने का सिलसिला फिर शुरू होगा।

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