लगातार दूसरे दिन महू कांड पर विधानसभा में हंगामा हुआ आदिवासियों पर अन्याय का आरोप लगाकर कांग्रेश ने हंगामा किया जबकि सत्ता पक्ष कांग्रेस पर लाशों की राजनीति करने का आरोप लगा रहा है इस मुद्दे पर दोनों दल ना केवल आमने-सामने है वरुण सदन के अंदर दोनों के बीच रार बढ़ गई है। दरअसल मुद्दा आदिवासियों का है और दोनों ही दल 2023 विधानसभा चुनाव के लिए आदिवासियों को अपनी ओर करने में लगातार कोशिशें कर रहे हैं यही कारण है कि जब विधानसभा में यह मुद्दा उठा तो दोनों दल अपना अपना पक्ष रखने में पीछे नहीं हटे और इसी के कारण हंगामा बढ़ गया पहले कार्रवाई 10 मिनट के लिए रोकी गई लेकिन जब फिर से शुरू हुई विधानसभा और हंगामा पड़ा 1 घंटे के लिए कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा हालांकि विधानसभा सोमवार तक के लिए स्थगित हो गई है।
महू में आदिवासी युवती की मौत और पुलिस फायरिंग में मारे गए युवक को लेकर कांग्रेस में जमकर हंगामा किया विधानसभा की कार्रवाई शुरू होते ही कांग्रेस विधायक बाला बच्चन ने इस मुद्दे को सदन में उठाया कांग्रेस ने मृत युवती और युवक के परिजनों पर मामला दर्ज करने का विरोध किया वे गृहमंत्री से इस्तीफा देने की मांग कर रहे थे। इस दौरान पूर्व मंत्री विजय लक्ष्मी साधो रो पड़ी और शक्ल से रोते हुए बाहर निकले उन्होंने कहा कि सरकार आदिवासियों और महिलाओं के साथ अन्याय कर रही है। इससे पहले सदन में जैसे ही रहते हैं हुआ तो संसदीय कार्य मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने महू कांड पर जवाब देते हुए कहा कि पीएम रिपोर्ट के अनुसार युवती की मौत करंट लगने से हुई है। सीसीटीवी फुटेज में थाना पर हमला करने के आधार पर 13 सत्रह लोगों पर केस दर्ज किया गया है मृत युवती और युवक के परिजनों पर भी मामला दर्ज हुआ है।
कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि नेता पर ही एफआईआर कर दी गई है यह अन्याय है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बहू कांड पर कांग्रेस नेताओं का जो जांच दल बनाया था उन्होंने अपनी रिपोर्ट कमलनाथ को सौंप दी है जांच दल में कांतिलाल भूरिया बाला बच्चन पाची लाल मीणा और झूमा सोलंकी शामिल थे जांच दल ने बहू पहुंचकर पुलिस गोलीबारी में मारे गए आदिवासी युवक भेरूलाल के पिता मदन सिंह छारेल और मृतक आदिवासी युवती के परिजनों से मुलाकात की कांग्रेस की जांच में कमेटी ने पाया कि युवक शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहा था उसे दमन करके उसकी पुलिस गोलीबारी में हत्या कर दी गई। यूवती के पोस्टमार्टम में पुलिस ने सही तरीका नहीं अपनाया परिजनों पर राजनीतिक दबाव डालने की कोशिश की गई और मामले को रफा-दफा किया जा रहा है शिवराज सरकार का रवैया आदिवासी विरोधी है।
कुल मिलाकर प्रदेश के दोनों ही प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस जिस तरह से आदिवासी वर्ग को प्रभावित करने के लिए पिछले कुछ वर्षों से लगातार प्रयास कर रहे हैं और कोई भी दल आदिवासियों के मुद्दे पर पीछे नहीं रहना चाहता यही कारण है कि विधानसभा सत्र के दौरान ही महू मैं जिस तरह से दो आदिवासी युवक और युवती की मौत हुई है। उसको लेकर दूसरे दिन भी सदन में हंगामा हुआ सदन सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया है लेकिन संभावना यही जताई जा रही है एक बार फिर सोमवार को इस मुद्दे पर दोनों दलों के बीच तकरार हो सकती है क्योंकि दोनों दल इस मुद्दे पर आमने-सामने है।