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इंदौर से चुनावी दौर

भोपाल। तीन दिवसीय प्रवासी भारतीय सम्मेलन के समापन हो चुका है और आज से इन्वेस्टर सम्मिट शुरू हो गई है। जिस तरह से प्रधानमंत्री राष्ट्रपति केंद्रीय मंत्री इंदौर आए और प्रदेश की सरकार इंदौर में ही डेरा डाले हुए हैं उससे प्रदेश का चुनावी दौर मानो इंदौर से शुरू हो गया हो। किसी ने कोई कसर नहीं छोड़ी प्रदेश के केंद्रीय मंत्रियों में केबल ज्योतिरादित्य सिंधिया की उपस्थिति भी उल्लेखनीय रही।

दरअसल मध्य प्रदेश एक ऐसा प्रदेश है जहां विधानसभा के 2023 के आने वाले चुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों को उम्मदे हैं वैसे तो 9 राज्यों में 2023 में विधानसभा के चुनाव होना है लेकिन देश का हृदय प्रदेश होने के कारण दोनों ही दलों का फोकस मध्य प्रदेश पर बना हुआ है और दोनों को सरकार बनाने की उम्मीद भी अपने अपने कारणों से बनी हुई है लेकिन दो हजार अट्ठारह के विधानसभा के चुनाव परिणाम के बाद से ही भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व मध्य प्रदेश पर विशेष निगाहें लगाए हुए हैं डेढ़ वर्ष बाद ही प्रदेश में सत्ता परिवर्तन कराकर भाजपा की सरकार बन गई और उसके बाद से ही लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्यप्रदेश किसी ना किसी बड़े कार्यक्रम में आ रहे हैं। गृह मंत्री अमित शाह और सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी मध्य प्रदेश आकर माहौल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ते लेकिन जिस तरह से इंदौर में प्रवासी भारतीय सम्मेलन का आयोजन हुआ उससे पूरे प्रदेश में पार्टी ने अपने पक्ष में सकारात्मक वातावरण बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी और समापन भाषण में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जिस तरह से प्रवासी भारतीयों से आत्मीय रिश्ते भावुक अंदाज में जाहिर किए उससे वह जो कार्यक्रम में प्रवेश को लेकर नाराजगी की स्थिति बनी थी वह भी दूर करने की पूरी कोशिश की।

बहरहाल, 3 दिन के प्रवासी भारतीय सम्मेलन में 70 देशों के लगभग 34 सौ एन आर आई शामिल हुए और इन 3 दिनों में प्रदेश और देश के शीर्षस्थ नेता उपस्थित हुए राष्ट्रपति प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों ने दिल्ली से इंदौर पहुंच कर ना केवल सम्मेलन को गरिमा प्रदान की वरन इंदौर और प्रदेश की जिस तरह से तारीफ की है उससे सम्मेलन चर्चाओं का विषय बन गया और भारत के विश्व गुरु बनने के चर्चाओं को भी इस सम्मेलन से पंख लगे। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि चौथी सदी में ही उज्जैन के राजा विक्रमादित्य ने ग्रहों की गणना कर दी थी। ब्रह्मगुप्त और भास्कराचार्य जैसे विद्वानों ने ग्लोबल मैप की परिकल्पना कर ली थी। यह हम सब मानते हैं भारत विश्व गुरु था औरss अब जब भी विश्व गुरु बनने की बात करते हैं तो हमारी बातों में सैन्य ताकत से विश्व गुरु बनने की बात नहीं होती इसमें इंटेलेक्चुअल ताकत की बात करते हैं इस सोच से नवाचार आता है।

कुल मिलाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह कहा कि इंदौर एक शहर है मैं कहता हूं इंदौर एक दौर है जो समय से आगे चलता है फिर भी अपनी विरासत को समेटे रखता है। ऐसा ही कुछ कार्यक्रम से ध्वनित हो रहा है कि इंदौर से चुनावी दौर शुरू हो गया है। इसके बावजूद विकास को समेटे सत्तारूढ़ दल भाजपा 2023 के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है क्योंकि कांग्रेस जिस तरह से प्रदेश में अपनी जमावट कर रही है और से भाजपा 2018 की तरह किसी भी प्रकार की रिस्क नहीं लेना चाहती।

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