अरबों डॉलर के हेयर-केयर प्रोडक्ट्स बिकते हैं, इसके बाबजूद हेयरफॉल की समस्या अपनी जगह बरकरार है। कारण जानने के लिये वैज्ञानिकों ने जब इस पर रिसर्च की तो पता चला कि 90 प्रतिशत मामलों में यह शरीर में पोषक तत्वों की कमी और 10% में किसी बीमारी, दवाओं के साइड इफेक्ट और जेनेटिक वजहों से होती है।हमारे 85% बाल रहते हैं हेयर लाइफ सायकल के एनाजेन फेज़ में। जो दो से 6 साल का होता है, इसमें ये हर महीने करीब 1 सेंटीमीटर तक बढ़ते हैं। इसके बाद आता है कैटाजेन फेज़। इसमें बालों की ग्रोथ रूक जाती है। यह दो से तीन हफ्ते रहता है। हमारे 1% बाल हमेशा इसी फेज़ में रहते हैं।
बाल झड़ना आज सबसे आम समस्या है। महिलायें हों या पुरूष सभी इससे परेशान रहते हैं। और मजे की बात ये कि हेयरफॉल रोकने के लिये आज बाजार में इतने प्रोडक्ट्स हैं जितने शायद ही कभी रहे हों। हर साल दुनियाभर में अरबों डॉलर के हेयर-केयर प्रोडक्ट्स बिकते हैं, इसके बाबजूद हेयरफॉल की समस्या अपनी जगह बरकरार है। कारण जानने के लिये वैज्ञानिकों ने जब इस पर रिसर्च की तो पता चला कि 90 प्रतिशत मामलों में यह शरीर में पोषक तत्वों की कमी और 10% में किसी बीमारी, दवाओं के साइड इफेक्ट और जेनेटिक वजहों से होती है।
आपने कभी सोचा कि हमारे सिर पर बाल क्यों होते हैं? तो जबाब है मौसम की मार से बचाने के लिये। चाहे ठंडी हवा हो या तेज धूप सबका पहला निशाना बनता है हमारा सिर। और सिर के बाल काम करते हैं नेचुरल प्रोटेक्शन का। जो न केवल हमारी सुंदरता बढ़ाते हैं बल्कि हमें बीमार पड़ने से भी बचाते हैं। इनकी अपनी ग्रोथ सायकल होती है जिसके तहत ये उगते हैं, धीरे-धीरे बढ़ते हैं और अपना जीवन-चक्र पूरा करने के बाद गिर जाते हैं।
हमारे 85% बाल रहते हैं हेयर लाइफ सायकल के एनाजेन फेज़ में। जो दो से 6 साल का होता है, इसमें ये हर महीने करीब 1 सेंटीमीटर तक बढ़ते हैं। इसके बाद आता है कैटाजेन फेज़। इसमें बालों की ग्रोथ रूक जाती है। यह दो से तीन हफ्ते रहता है। हमारे 1% बाल हमेशा इसी फेज़ में रहते हैं। और 15% बाल हमेशा टेलोजेन यानी अंतिम फेज़ में रहते हैं। इसमें बाल गिरने लगते हैं और इनकी जगह नये बाल उगते हैं। गिरने वाले बालों की संख्या 50 से 100 तक कुछ भी हो सकती है।
यह नेचुरल प्रोसेस है। लेकिन इससे ज्यादा बालों का गिरना दर्शाता है शरीर में न्यूट्रियेन्ट्स की कमी को। क्योंकि हमारे बाल और नाखून शरीर की अंतिम प्रॉयोरिटी में आते हैं। हम जो भी खाते हैं हमारा शरीर, उससे मिले पोषक तत्वों को बॉडी फंक्शनिंग, इम्युनिटी बढ़ाने और बीमारी से रिकवर करने इत्यादि के लिये रिजर्व कर लेता है। इन सबके बाद अगर कुछ बचता है तो वह काम आता है बालों के।
बालों की अच्छी ग्रोथ के लिये जो न्यूट्रियेन्ट बहुत जरूरी है और वह है बॉयोटीन यानी विटामिन B7। इसकी कमी से बाल रूखे-बेजान होकर गिरने लगते हैं। वैसे तो इसके सप्लीमेंट भी उपलब्ध हैं लेकिन यह सबसे ज्यादा होता है मशरूम में। रिसर्च के मुताबिक 100 ग्राम सूखे मशरूम में करीब 155 माइक्रोग्राम बॉयोटीन होता है और हमारी डेली नीड है 30 माइक्रोग्राम की। इसलिये खाने में मशरूम शामिल करें चाहे वह सूखे हों या फ्रेश, बालों का झड़ना रोकने में दोनों ही कारगर हैं।
बालों का झड़ना रोकने के लिये आंवले को वैज्ञानिकों ने सुपरफूड माना है। विटामिन C, ऑयरन और कैल्शियम जैसे पोषक तत्वों से भरपूर आंवले में होता है एक ऐसा एंजाइम जो शरीर में हेयर लॉस के लिये जिम्मेदार तत्वों को नष्ट करता है। इससे बालों का झड़ना तो रूकता ही है साथ ही हेयर ग्रोथ भी अच्छी होती है। इसलिये नियमित रूप से डाइट में आंवला शामिल करें। चाहे वह कच्चा हो, पाउडर हो या जूस, सभी रूपों में आंवले का सेवन बालों में जान डाल देता है।
आंवले के बाद नंबर आता है पालक का। इसमें मौजूद विटामिन A, विटामिन C, आयरन, बीटा कैरोटिन और फोलेट, साथ मिलकर बालों को मजबूती प्रदान करने के साथ उनमें नमी बढ़ाते हैं जिससे झड़ना और टूटना रूकता है। इसलिये खाने के लिये चाहे दाल बनायें या सब्जी उसमें थोड़ी पालक जरूर मिला लें।
अगर बाल हल्के हो रहे हैं तो बीन्स को अपने प्रत्येक मील का हिस्सा बनायें। इसमें प्रचुर मात्रा में आयरन होता है। पीरियड्स के कारण महिलाओं को पुरूषों से ज्यादा आयरन की जरूरत होती है दिनभर में करीब 15 मिलीग्राम। अगर शरीर में आयरन की कमी होगी तो बालों का झड़ना बंद नहीं होगा। आयरन, पचाने के लिये जरूरत होती है विटामिन C की। बीन्स का आयरन आसानी से पच जाये इसके लिये आंवला, अमरूद, संतरा, मौसमी और नीबू में किसी एक का सेवन जरूर करें।
बीन्स की तरह दलिया भी आयरन रिच फूड है। सुबह-सुबह नाश्ते में दलिया लेने से हेयरफॉल रूकने के साथ बालों की हेल्थ इम्प्रूव होती है। अगर बाल पतले हो रहे हैं तो दही को अपनी प्लेट का हिस्सा बनायें। इसमें मौजूद पैंटोथेनिक एसिड यानी विटामिन B5, स्कल्प में ब्लड फ्लो बढ़ाकर कर बालों की सेहत ठीक करता है।
अगर नॉनवेजीटेरियन है तो काले-लम्बे-चमकदार बालों के लिये डाइट में शामिल करें फिश। विशेषरूप से सालमन, सार्डीन और मैकरेल। क्योंकि इनमें होता है सबसे उम्दा क्वालिटी का ओमेगा-3 फैटी एसिड। यही कारण है कि कोस्टल एरिया में रहने वाले लोगों के बाल ज्यादा अच्छे होते हैं।
L-लाइसिन एमिनो एसिड नामक न्यूट्रियेन्ट आयरन एब्जार्ब करने में मदद करता है। लेकिन इसे हमारा शरीर खुद नहीं बना सकता। इसलिये अपनी डाइट में शामिल करें चिकन और वह भी चिकन लेग पीस। चिकन लेग में सबसे ज्यादा L-लाइसिन होता है। इस सम्बन्ध में हुयी एक रिसर्च से सामने आया कि एक किलो बॉडी वेट के लिये करीब 27 मिलीग्राम L-लाइसिन की जरूरत होती है। और 65 किलो के व्यक्ति को जरूरी L-लाइसिन मिल जायेगा मात्र 100 ग्राम चिकन लेग से। इन फूड आइटम्स के अलावा अंडा और सनफ्लवर सीड्स भी हेयरफॉल रोकने में मदद करते हैं।
अगर हेयरफॉल की फैमिली हिस्ट्री है तो उम्र बढ़ने के साथ बालों का हल्का होना सामान्य बात है। कभी-भी विज्ञापन देखकर अपनी मर्जी से हेयर-केयर सप्लीमेंट्स न लें। रिसर्च से सामने आया कि कुछ हेयर-केयर सप्लीमेन्ट इन्फरटीलिटी और इरेक्टाइल डिस्फंक्शन जैसी बीमारियों का रिस्क बढ़ाते हैं। लेकिन न्यूट्रियेन्ट्स डिफीशियेन्सी से होने वाले हेयरफॉल से बचने के लिये अच्छी डाइट के अलावा डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट्स ले सकते हैं।