सुभाष घई का एक स्टाइल रहा है कि वे जो भी फिल्म बनाते उसके किसी एक सीन में खुद भी परदे पर नज़र आते। उनकी शुरूआत अभिनय से ही हुई थी और जब हीरो के तौर पर नहीं चले तो उन्होंने निर्देशन की राह पकड़ ली। लेकिन बोनी कपूर ने पहले कभी अभिनय नहीं किया। वे केवल एक निर्माता हैं। हिंदी ही नहीं, तेलुगु और तमिल में भी उन्होंने फिल्में बनाई हैं। मगर अब वे लव रंजन की ‘तू झूठी मैं मक्कार’ में परदे पर नज़र आएंगे। बोनी ने तो इसके लिए साफ इन्कार कर दिया था, लेकिन पता नहीं क्यों, लव रंजन उनके पीछे पड़ गए और मनवा कर ही पिंड छोड़ा।
रोमांटिक कही जा रही इस फिल्म के नाम से ही जाहिर है कि यह ऐसी प्रेम कहानी होगी जिसमें झूठ और मक्कारी बहुतायत में होंगे। ‘ब्रह्मास्त्र’ से ऊर्जायित रनबीर कपूर इसमें पहली बार श्रद्धा कपूर के साथ दिखेंगे जबकि बोनी कपूर को रनबीर के पिता की भूमिका दी गई है। वैसे भी रनबीर और बोनी आपस में रिश्तेदार हैं।
जिन खानदानों का अपने बॉलीवुड में वर्चस्व रहा है उनमें रनबीर कपूर का भी खानदान है और बोनी कपूर का भी। एक खानदान में पृथ्वीराज कपूर से लेकर रनबीर तक बीस-बाइस कलाकार हुए हैं तो बोनी के परिवार में भी उनके पिता सुरिंदर कपूर से लेकर जाह्नवी तक करीब दर्जन भर कलाकार हो चुके हैं। सुरिंदर कपूर रिश्ते में पृथ्वीराज कपूर के भाई लगते थे। पृथ्वीराज ने ही उन्हें मुंबई बुला कर गीता बाली का सेक्रेटरी बनवा दिया था। धीरे-धीरे सुरिंदर फिल्म निर्माण में कूद पड़े। उनके बाद बोनी भी फिल्में बनाने लगे। हैरानी की बात यह कि भाई लगने के बावजूद पृथ्वीराज कपूर और सुरिंदर कपूर के खानदानों को जोड़ कर नहीं देखा जाता। उन्हें अलग-अलग गिना जाता है। एक कपूर खानदान नंबर वन और दूसरा भी कपूर खानदान, लेकिन नंबर टू।